देश में बदलेगा ये ट्रैफिक रूल? सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को दिया नोटिस, पैदल यात्री दायीं ओर चलेंगे तो सुरक्षित रहेंगे?

Edited By Vikas Tiwari, Updated: 05 Oct, 2025 01:03 PM

will these traffic rules change in india

सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार और नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) से पूछा है कि क्या भारत में भी विदेशों की तरह पैदल यात्रियों को सड़क की दायीं ओर चलने का नियम बनाया जा सकता है। अदालत ने दोनों पक्षों को 10...

भोपाल: सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार और नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) से पूछा है कि क्या भारत में भी विदेशों की तरह पैदल यात्रियों को सड़क की दायीं ओर चलने का नियम बनाया जा सकता है। अदालत ने दोनों पक्षों को 10 नवंबर तक सभी तथ्यों और आंकड़ों के साथ विस्तृत जवाब देने के निर्देश दिए हैं। यह मामला जबलपुर निवासी ज्ञान प्रकाश की याचिका पर उठाया गया है। याचिकाकर्ता का कहना है कि भारत में पैदल यात्रियों को बायीं ओर चलने की सलाह दी जाती है, जिससे उनकी जान को खतरा बढ़ जाता है। उन्होंने बताया कि साल 2022 में हुए 50 हजार सड़क हादसों में से 18 हजार मौतें पैदल चलने वालों की थीं, यानी कुल मौतों का करीब 36 प्रतिशत हिस्सा।

क्यों दायीं ओर चलना हो सकता है सुरक्षित...
ज्ञान प्रकाश ने दलील दी कि अगर पैदल यात्री सड़क की दायीं ओर चलेंगे तो उन्हें सामने से आने वाले वाहन दिखेंगे, जिससे समय रहते वे खुद को बचा सकेंगे। उन्होंने कहा कि भारत में पैदल यात्रियों के लिए नियम ब्रिटिशकालीन परंपराओं और 1958 के विएना कन्वेंशन से प्रेरित हैं, जो अब मौजूदा ट्रैफिक परिस्थितियों के अनुकूल नहीं हैं।

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी याद दिलाया कि उसने 21 मई 2025 को ट्रैफिक नियंत्रण और सड़क अतिक्रमण हटाने के लिए निर्देश दिए थे, लेकिन उनका क्रियान्वयन अब तक नहीं हुआ है। अदालत ने केंद्र और NHAI से पूछा कि क्या भारत जैसे घनी आबादी वाले देश में “राइट वॉकिंग सिस्टम” लागू किया जा सकता है।

विदेशों में क्या होता है?
अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, रूस, चीन में लोग सड़क की दायीं ओर पैदल चलते हैं। जबकि ब्रिटेन, जापान, ऑस्ट्रेलिया में पैदल यात्री बायीं ओर चलते हैं। याचिकाकर्ता का कहना है कि भारत में वाहनों के बायीं ओर चलने का नियम पैदल यात्रियों पर लागू करना गलत है।

सड़क सुरक्षा पर बड़ा सवाल
सड़क परिवहन मंत्रालय के 2023 के आंकड़ों के मुताबिक, टू-व्हीलर के बाद सड़क हादसों में सबसे ज्यादा मौतें पैदल यात्रियों की होती हैं। ऐसे में कोर्ट का यह सवाल सड़क सुरक्षा नीति में एक बड़ा बदलाव ला सकता है। यदि केंद्र सरकार और NHAI की रिपोर्ट में यह व्यवस्था व्यावहारिक मानी जाती है, तो जल्द ही भारत में पैदल यात्रियों के चलने के नियम में 70 साल पुराना बदलाव देखने को मिल सकता है।

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