Edited By meena, Updated: 23 Aug, 2019 04:59 PM
मध्यप्रदेश के सतना में पकड़ गए पांच एजेंटों का देश के कई राज्यों में नेटवर्क है। पूछताछ के बाद कई बड़े खुलासे सामने आए हैं। आरोपियों ने बताया कि ये सभी लोग पाकिस्तान में बैठे आकाओं के इशारे पर हिंदुस्तान के साथ गद्दारी कर रहे थे...
सतना/भोपाल: मध्यप्रदेश के सतना में पकड़ गए पांच एजेंटों का देश के कई राज्यों में नेटवर्क है। पूछताछ के बाद कई बड़े खुलासे सामने आए हैं। आरोपियों ने बताया कि ये सभी लोग पाकिस्तान में बैठे आकाओं के इशारे पर हिंदुस्तान के साथ गद्दारी कर रहे थे। हिंदुस्तान की कई महत्वपूर्ण जानकारियां पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI ) को 8 फीसदी कमीशन पर देते थे।
बलराम 8 महीनें पहले जमानत पर हुआ था रिहा
एटीएस टीम द्वारा सतना में पकड़े गए इस रैकेट का सरगना बलराम सिंह सहित पांच लोगों से पूछताछ के बाद ऐसे ही कई खुलासे हो रहे हैं। बलराम सिंह को 2017 में जांच एजेंसियों के इनपुट पर एटीएस ने पाकिस्तानी जासूसों को फंडिंग करने के मामले में गिरफ्तार किया था। उसकी गिरफ्तारी के बाद जबलपुर, भोपाल और ग्वालियर से भी 13 से ज्यादा लोग पकड़े गए थे। आरोपी बलराम सिंह आठ महीने पहले ही भोपाल सेंट्रल जेल से ज़मानत पर बाहर आया था। उसकी रिहाई के बाद पाकिस्तानी हैंडलर्स ने दोबारा उसके ज़रिए अपने नेटवर्क को मज़बूत किया और देश में फैले अपने जासूसों को फंडिंग करना शुरू कर दिया।
एटीएस ने इन लोगों को किया गिरफ्तार
मध्यप्रदेश की एटीएस ने बुधवार की रात सुनील सिंह, बलराम सिंह और शुभम मिश्रा को गिरफ्तार किया है। इसके साथ ही दो लोगों को संदेह के आधार पर भी गिरफ्तार किया है। जिसमें भागेंद्र सिंह और गोविंद कुशवाहा है। ये सभी लोग टेरर फंडिंग के काम से जुड़े थे। इसमें बलराम सिंह पहले भी जेल जा चुका है। जेल से छूटने के बाद वह फिर से इस काम में लग गया था। एटीएस की टीम ने बलराम सिंह के पास से दो कीमती बाइक बरामद किया है।
वीडियो कॉलिंग के जरिये करते थे संपर्क
आरोपित आतंकियों के फंड मैनेजरों से वीडियो कॉलिंग, वॉट्सएप कॉलिंग और आइएमओ के जरिये संपर्क में थे। आयकर विभाग को धोखा देने के लिए मप्र के खातों में 50 हजार रुपये से कम की राशि मंगवाते थे, जबकि बिहार, पश्चिम बंगाल और अन्य राज्यों के खातों में इन्होंने लाखों रुपये का लेनदेन भी किया है।
100 पाकिस्तानी हैंडलर्स के फोन नंबर मिले
पकड़े गए आरोपी, इंटरनेट कॉलिंग के ज़रिए पाकिस्तानी हैंडलर्स से बातचीत करते थे। उनके पास से 100 पाकिस्तानी हैंडलर्स के नंबर मिले हैं। आरोपियों ने बिहार और पश्चिम बंगाल के कई बैंक खाते में लाखों रुपए ट्रांसफर किए। उसकी भी जांच की जा रही है।