Edited By meena, Updated: 23 May, 2022 01:23 PM
कोरोना वायरस के कहर से अभी दुनिया उभर भी नहीं पाई है कि लगभग 12 देशों में एक और भयानक बीमारी मंकी पाक्स पैर पसारती नजर आ रही है। हालांकि अभी तक भारत में इसका एक केस सामने नहीं आया है लेकिन इसे लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने विशेष सावधानी बरतने...
भोपाल: कोरोना वायरस के कहर से अभी दुनिया उभर भी नहीं पाई है कि लगभग 12 देशों में एक और भयानक बीमारी मंकी पाक्स पैर पसारती नजर आ रही है। हालांकि अभी तक भारत में इसका एक केस सामने नहीं आया है लेकिन इसे लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने विशेष सावधानी बरतने के निर्देश दिए हैं। इसे देखते हुए मध्यप्रदेश में इंदौर, भोपाल सहित प्रदेश के एयरपोर्ट्स पर मॉनिटरिंग शुरू की गई है।
दरअसल, कोरोना वायरस के कारण लंबे समय से इंटरनेशनल ट्रैवलिंग बंद थी। लेकिन अब सब कुछ सामान्य है तो एकदम से पाबंदियां हटाई गई है जिसके बाद विदेशी यात्रियों का भारत आना जाना हो रहा है। ऐसे में एयरपोर्ट्स पर अलर्ट जारी किया गया है।
क्या है मंकी पाक्स
इस बीमारी के लक्षण चेचक से मिलते जुलते हैं। संक्रमित मरीज के घाव से निकलकर यह वायरस आंख, नाक और मुंह के जरिए शरीर में प्रवेश करता है। इसके अलावा चूहे, बंदर, गिलहरी जैसे जानवरों के काटने से या उनके खून और उनकी संक्रमित बॉडी के किसी हिस्से को छूने से भी मंकी पॉक्स फैल सकता है। एक्सपर्ट्स की मानें तो संक्रमित जानवर का मांस खाने या आधा अधूरा पकाकर या कच्चा मांस खाने से भी इस बीमारी से ग्रसित हो सकते हैं। इस बीमारी के लक्षण सबसे पहले 1958 में एक बंदर में पाए गए थे। वहीं इंसानों में पहली बार यह बीमारी 1970 में पाई गई।
लक्षण
शुरुआत में शरीर में बुखार, सिर दर्द, बदन दर्द, शरीर में कंपकंपी, थकान आदि होती है। फिर शरीर मुंह पर छोटे छोटे दाने उभरने लगते हैं, जो धीरे धीरे सारे शरीर पर फैल जाते हैं। यह तकरीबन 5 से 21 दिनों तक कई शरीर पर रहते हैं और कई स्टेजों से गुजरते हैं।