MP Manufacturing Growth Story: MSME से लेकर स्टार्टअप तक, प्रदेश बना निवेशकों की पहली पसंद

Edited By Himansh sharma, Updated: 15 Dec, 2025 08:31 PM

from msme to startups the state has become the first choice of investors

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मार्गदर्शन में बनी सुविचारित नीतियों से मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर प्रदेश की आर्थिक वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मार्गदर्शन में बनी सुविचारित नीतियों से मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर प्रदेश की आर्थिक वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। रोजगार सृजन को भी गति मिली है। वर्तमान में 4.26 लाख से अधिक मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स सक्रिय हैं। इससे औद्योगिक आत्मनिर्भरता के साथ-साथ स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिल रही है।

आत्मनिर्भरता को मिला आधार

राज्य सरकार द्वारा किए गए निवेश प्रोत्साहन उपायों का सीधा असर नई इकाइयों की स्थापना के रूप में सामने आया है। वर्ष 2022-23 में 67,332 मैन्युफैक्चरिंग MSMEs के पंजीकरण से बढ़कर 2024-25 में यह संख्या 1,13,696 तक पहुँच गई  है।

नीतिगत सुधारों का सीधा असर

उद्योगों के सामने आने वाली प्रक्रियागत बाधाओं को दूर करना सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है। इसके साथ ही ‘जनविश्वास (संशोधन) विधेयक 2024’ के माध्यम से उद्योगों पर लगाए गए दंडात्मक प्रावधानों को युक्तिसंगत बनाया गया है। इंडस्ट्रियल लैंड अलॉटमेंट सिस्टम और सिंगल विंडो पोर्टल के माध्यम से भूमि आवंटन और स्वीकृति प्रक्रियाएँ पारदर्शी और समयबद्ध हुई हैं, जिससे निवेशकों का भरोसा और मजबूत हुआ है।

एमएसएमई सेक्टर से एक करोड़ से अधिक को रोज़गार

प्रदेश की अर्थव्यवस्था में एमएसएमई सेक्टर एक मजबूत आधार के रूप में उभरा है। वर्तमान में 20.43 लाख से अधिक एमएसएमई इकाइयाँ हैं, जो मैन्युफैक्चरिंग, सर्विस और ट्रेड जैसे विभिन्न क्षेत्रों में सक्रिय हैं। यह सेक्टर राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 30 प्रतिशत का योगदान दे रहा है और एक करोड़ से अधिक लोगों को रोज़गार उपलब्ध करा रहा है।

टियर-2 और टियर-3 शहरों में औद्योगिक गतिविधियों के विस्तार से न केवल स्थानीय युवाओं को रोजगार मिला है, बल्कि छोटे व्यापार, सेवाओं और सहायक उद्योगों को भी बढ़ावा मिला है। इससे प्रदेश के औद्योगिक विकास में क्षेत्रीय संतुलन मजबूत हुआ है।

लॉजिस्टिक्स से उद्योगों को मिला रास्ता

औद्योगिक गतिविधियों के विस्तार के साथ लॉजिस्टिक्स और कनेक्टिविटी को मजबूत करना आवश्यक था। इसी दृष्टि से राज्य में मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क, इनलैंड कंटेनर डिपो और औद्योगिक क्षेत्रों को बेहतर सड़क और रेल नेटवर्क से जोड़ने पर लगातार काम किया जा रहा है।
पीएम गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान से जुड़े प्रोजेक्ट्स ने प्रदेश के उद्योगों को देश के प्रमुख बाजारों और निर्यात केंद्रों से जोड़ने में सहायता की है। इससे माल परिवहन की लागत और समय दोनों में कमी आई है और उद्योगों की प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता बढ़ी है।

 स्टार्टअप से भविष्य की अर्थव्यवस्था की तैयारी

औद्योगिक विकास को दीर्घकालिक बनाने के लिए नवाचार और कौशल विकास को समान रूप से महत्व दिया गया है। राज्य में 6000 से अधिक स्टार्टअप्स सक्रिय हैं और 100 से अधिक इनक्यूबेशन सेंटर्स नवाचार को सहयोग दे रहे हैं। महिला उद्यमियों की बढ़ती भागीदारी ने स्टार्टअप इकोसिस्टम को सशक्त बनाया है।

स्टार्टअप पॉलिसी 2025 के तहत सीड फंडिंग, कैपिटल फंड और एन्ट्रेप्रेन्योर इन रेजिडेंस प्रोग्राम जैसे प्रयास युवाओं को रोजगार सृजन से जोड़ने का काम कर रहे हैं। आने वाले समय में प्रत्येक जिले में प्लग एण्ड प्ले मॉडल पर आधारित इनक्यूबेशन सेंटर्स स्थापित किए जाने से स्थानीय नवाचार और उद्यमिता को नई दिशा मिलेगी।

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