Edited By meena, Updated: 26 Sep, 2019 05:50 PM
मध्यप्रदेश में नगर निकाय एक्ट में संशोधन का खुलकर विरोध होना शुरू हो गया है। इसी के चलते महापौर परिषद के राष्ट्रीय सचिव और कटनी के महापौर शशांक श्रीवास्तव ने कमलनाथ सरकार की कैबिनेट बैठक में पार्षदों के जरिये महापौर चुने जाने के फैसले को लोकतंत्र का...
कटनी(संजीव वर्मा): मध्यप्रदेश में नगर निकाय एक्ट में संशोधन का खुलकर विरोध होना शुरू हो गया है। इसी के चलते महापौर परिषद के राष्ट्रीय सचिव और कटनी के महापौर शशांक श्रीवास्तव ने कमलनाथ सरकार की कैबिनेट बैठक में पार्षदों के जरिये महापौर चुने जाने के फैसले को लोकतंत्र का गला घोटने जैसा कृत्य करार दिया है। उनकी माने तो जनता को दो वोट देने का अधिकार था, एक वोट से वे पार्षद चुनते थे और दूसरे से महापौर।
मगर कमलनाथ सरकार ने जनता का यह हक छीन लिया है। शंशाकर श्रीवास्तव के मुताबिक जब पार्षद ही महापौर चुनेंगे तो महापौर की जवाबदेही जनता के प्रति नहीं होगी, क्योंकि उनकी जवाबदेही सिर्फ पार्षद के प्रति ही होगी। इससे केंद्र और राज्य सरकार की विकास की योजनाएं भी बाधित होगी और राजनैतिक अस्थिरता का वातावरण बनेगा, जिससे सिर्फ भ्रष्टाचार को ही बढ़ावा मिलेगा।
शशांक श्रीवास्तव ने कांग्रेस सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस गुटों में बटी हुई पार्टी है। कोई कमलनाथ गुट का है, तो कोई दिग्विजय सिंह गुट का और कोई सिंधिया गुट का। उन्होंने कहा कि तीनों गुटों को संतुष्ट करने के लिए क्या 5 साल में तीन महापौर बदले जाएंगे। उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि कमलनाथ सरकार के इस फैसले को लेकर वह जनता के बीच जाएंगे और उन्हें बेनकाब करेंगे। ऐसे अगर जरूरत पड़ी तो कोर्ट की शरण में भी जाएंगे, ताकि नगर सरकार मजबूती से काम कर सके और विकास बाधित ना हो।