Edited By Himansh sharma, Updated: 08 Jul, 2024 06:15 PM
मध्य प्रदेश के आबकारी आयुक्त अभिजीत अग्रवाल के भ्रष्टाचार की शिकायत लोकायुक्त तक पहुंच चुकी है
भोपाल। (विनीत पाठक): मध्य प्रदेश के आबकारी आयुक्त अभिजीत अग्रवाल के भ्रष्टाचार की शिकायत लोकायुक्त तक पहुंच चुकी है, दरअसल लंबे समय से आबकारी आयुक्त अभिजीत अग्रवाल पर प्रदेश के सबसे बड़े शराब माफिया सोम डिस्टलरीज को अनुचित फायदा पहुंचाने के आरोप लगते रहे हैं। ताज़ा शिकायत सोम डिस्टलरीज के कर्मचारियों द्वारा देपालपुर में शराब के अवैध परिवहन से जुड़ी हुई है। जिसमें आबकारी परमिट में हेरफेर कर अवैध तरीके से अंग्रेजी शराब का परिवहन किया जा रहा था। और सरकार को करोड़ो के राजस्व का चूना लगाया जा रहा था। इस मामले में देपालपुर जिला अदालत ने सोम डिस्टलरीज के संचालकों को दोषी करार देकर सजा भी सुनाई थी। इसके बाद 26 फरवरी 2024 को आबकारी आयुक्त अभिजीत अग्रवाल ने सोम डिस्टलरीज एंड बेवरेज लिमिटेड और सोम डिस्टलरीज प्राइवेट लिमिटेड को कारण बताओं नोटिस जारी किया।
इस कारण बताओं नोटिस में न्यायालय के निर्णय का हवाला देते हुए आबकारी आयुक्त ने आबकारी अधिनियम के मुताबिक सोम डिस्टलरीज का लाइसेंस निरस्त करने की बात कही थी। लेकिन इसके बाद अदालत के निर्णय के आधार पर सोम डिस्टलरी के लाइसेंस को आबकारी आयुक्त अभिजीत अग्रवाल ने निरस्त न करते हुए सोम के संचालकों को राहत दे दी, और आश्चर्यजनक तरीके से सोम डिस्टलरीज के लाइसेंसों को फिर से रिन्यू कर दिया गया।
इस मामले में भारी भ्रष्टाचार की आशंका जताते हुए सामाजिक कार्यकर्ता पंकज भदौरिया ने मध्य प्रदेश लोकायुक्त में इस पूरे मामले की शिकायत की है। साथ ही इस मामले में सोम डिस्टलरीज के संचालक और स्टाफ के साथ-साथ मप्र आबकारी आयुक्त अभिजीत अग्रवाल और आबकारी विभाग के अधिकारी कर्मचारियों की भूमिका की जांच करने की मांग की है। लोकायुक्त ने आबकारी आयुक्त और सोम डिस्टलरीज के संबंध में भ्रष्टाचार की शिकायत को मंजूर कर लिया है।
सोम की शराब फैक्ट्री में बाल मजदूरी मामले में भी आबकारी आयुक्त ने शराब माफिया को राहत देने की जी-तोड़ कोशिश की।
जिस तरह से देपालपुर अवैध शराब परिवहन मामले में सोम डिस्टलरीज को दोषी करार दिए जाने के बावजूद आबकारी आयुक्त ने राहत देने का काम किया इससे यह साफ हो जाता है कि आबकारी आयुक्त अभिजीत अग्रवाल और सोम डिस्टलरीज के संबंध बेहद मजबूत हैं। इतना ही नहीं सोम डिस्टलरीज की रायसेन स्थित शराब फैक्ट्री में लाड़ली लक्ष्मियों और नाबालिक बच्चों द्वारा शराब बनाते हुए तिरंगे हाथों पकड़े जाने के बावजूद आबकारी आयुक्त और पूरे आबकारी विभाग में सोम को बचाने की जी-तोड़ कोशिश की। मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव की कड़ी कार्रवाई के निर्देश देने के बावजूद आपका ही आयुक्त ने सोम के खिलाफ जो मामला बनवाया वह इतना कमजोर था की सोम डिस्टलरीज के संचालकों को हाईकोर्ट से तत्काल राहत मिल गई,अब इसको लेकर भी कई गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।