Edited By Jagdev Singh, Updated: 20 Dec, 2019 05:27 PM
पिछले एक साल में मध्य प्रदेश में पंजीकृत शिक्षित बेरोजगारों की तादात सात लाख से बढ़कर 28 लाख पहुंच गई है। वहीं इस दौरान केवल 34 हजार युवाओं को रोजगार मिला है। यह जानकारी मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बुधवार को विधानसभा में दी। इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के...
भोपाल: पिछले एक साल में मध्य प्रदेश में पंजीकृत शिक्षित बेरोजगारों की तादात सात लाख से बढ़कर 28 लाख पहुंच गई है। वहीं इस दौरान केवल 34 हजार युवाओं को रोजगार मिला है। यह जानकारी मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बुधवार को विधानसभा में दी। इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के अनुसार, एक वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ने बताया कि बेरोजगार युवाओं की तादात और बढ़ सकती है, क्योंकि बड़ी संख्या में युवाओं ने नौकरी की आस में पंजीकरण करवाया है।
कांग्रेस ने पिछले साल विधानसभा चुनाव के दौरान जारी अपने घोषणापत्र में युवाओं को चार हजार रुपये मासिक बेरोजगारी भत्ता देने का वादा भी किया था। माना जा रहा है कि इससे भी शिक्षित बेरोजगार युवा बड़ी संख्या में पंजीकरण करवा रहे हैं। मध्य प्रदेश सरकार ने बेरोजगारी भत्ता देने का वादा अभी तक पूरा नहीं किया है। इस संबंध में सरकार ने विधानसभा में कहा था कि अभी इस तरह के किसी भी प्रस्ताव पर विचार नहीं किया जा रहा है।
वहीं सीएम कमलनाथ ने कहा कि अक्तूबर 2018 में मध्यप्रदेश में पंजीकृत शिक्षित बेरोजगारों की संख्या 20,77,222 थी और अक्तूबर 2019 में यह 27,79,725 है। कमलनाथ ने कहा कि पिछले एक साल में आयोजित एक नौकरी मेले (जॉब फेयर) में 17,506 युवाओं को नौकरी के लिए चुना गया, जबकि प्लेसमेंट ड्राइव के दौरान 2,520 युवाओं को नौकरियां दी गईं। कमलनाथ ने यह भी कहा कि उनके मुख्यमंत्री बनने के बाद राज्य में 25 नए उद्योगों की स्थापना हुई जिससे 13,740 नौकरियां दी गईं।