कमलनाथ सरकार की वादाखिलाफी पर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की तैयारी में अतिथि शिक्षक

Edited By Vikas kumar, Updated: 08 Oct, 2019 12:19 PM

indefinite strike of guest teachers

सरकार में आने से पहले कांग्रेस ने प्रदेश के सरकारी कॉलेजों में सहायक प्राध्यापक, ग्रंथपाल ,कीड़ा अधिकारी के रिक्त पदों पर कार्य कर रहे अतिथि शिक्षकों को नियमित करने का वादा किया था...

सिरोंज (रज़ी खान): सरकार में आने से पहले कांग्रेस ने प्रदेश के सरकारी कॉलेजों में सहायक प्राध्यापक, ग्रंथपाल ,कीड़ा अधिकारी के रिक्त पदों पर कार्य कर रहे अतिथि शिक्षकों को नियमित करने का वादा किया था, और अपने वचन पत्र में बिंदु क्रमांक 17.22 पर कहा था, कि सरकार बनने पर अतिथि विद्वानों का नियमितीकरण किया जाएगा। परंतु अब अपने वचन से पलटते हुए सरकार उन रिक्त पदों पर PSC से चयनित लोगों की नियुक्तिया कर रही है। जिसकी चॉइस फीलिंग प्रारम्भ है, नियुक्तियों के बाद अतिथि विद्वानों का हटना लगभग तय है। सरकार की वादाखिलाफी को लेकर सरकारी कॉलेजों में कार्य कर रहे अतिथि शिक्षक अब 9 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहेंगे, और प्रदेश भर में न्याय यात्रा निकालते हुए राजधानी पहुंचकर सरकार को अपना वचन याद दिलाते हुए उसे पूरा करने की मांग करेंगे। विदिशा जिले में सिरोंज ,बासौदा, कुरवाई,विदिशा सहित प्रदेश के सरकारी कॉलेजो के अतिथि शिक्षकों ने अपने महाविद्यालय के प्राचार्य को आवेदन देकर 9 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की सूचना दे दी है।

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इसके अलावा प्रदेश में भी अधिकांश सरकारी कॉलेजों में अतिथि शिक्षक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं, जो कि न्याय यात्रा से जुड़ चुके हैं। अतिथि शिक्षकों की मांग है, कि उन्हें दिया वचन सरकार पूरा करे, क्योंकि कई वर्षों से अतिथि विद्वान सरकारी कॉलेजों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। और उस पद की योग्यता भी रखते हैं। एसे में नई भर्ती होने से लगभग 5 हज़ार अतिथि शिक्षकों का भविष्य बर्बाद हो जाएगा।

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गौरतलब है कि अतिथियों की हड़ताल का असर कॉलेज के बच्चों की पढ़ाई पर भी पड़ेगा। सरकारी कॉलेज में कार्यरत इन अतिथि विद्वानों को लेकर सरकार की बेरुखी सिर्फ इतनी ही नही है। बल्कि पिछले 6 महीनों का इन्हें वेतन भी नही दिया गया है, जिससे आर्थिक और मानसिक रूप से भी ये परेशान हैं। संघ के अध्यक्ष देवराज सिंह सहित सभी अतिथियों ने सरकार से अपना वचन पूरा करने की मांग की है।

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