Edited By Devendra Singh, Updated: 20 May, 2022 01:27 PM
ज्योतिरादित्य सिंधिया (jyotiraditya scindia) ने मोनोपोल लाइन (monupolo line) का भूमिपूजन किया है। भूमिपूजन के एक साल के भीतर यह लाइन बनकर तैयार होगी। इसके निर्माण होने से लोगों के घरों के ऊपर हाई टेंशन लाइन हट जाएगी।
ग्वालियर (अंकुर जैन): केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (jyotiraditya scindia) ने मोनोपोल लाइन (monupolo line) का भूमिपूजन किया है। भूमिपूजन के एक साल के भीतर यह लाइन बनकर तैयार होगी। इसके निर्माण होने से लोगों के घरों के ऊपर हाई टेंशन लाइन हट जाएगी। 25 हजार घरों को ट्रिपिंग, फॉल्ट व लो वोल्टेज की समस्या से निजात मिलेगी। इस लाइन का हर पोल 18 मीटर का रहेगा। 66 केवी लाइन के इंसुलेटर व डिस्क लगाई जाएंगे, ताकि ट्रिपिंग व फाल्ट न आएं। इस लाइन में निर्बाध बिजली आपूर्ति जारी रहे। अक्टूबर 2023 तक इसके कार्य को पूरा किया जाएगा। यह लाइन मोतीझील से शर्मा फार्म होते हुए बिरला नगर तक आएगी। पांच सब स्टेशन को यह लाइन आपस में जोड़ेगी और सब स्टेशनों पर डबल सर्किट सप्लाई होगी।
मोनो पोल पर 33 केवी लाइन का निर्माण
बीजेपी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया (yotiraditya scindia) ने कहा कि मौजूदा स्थिति में बिजली के नीचे वाले खतरा पैदा करते थे, लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। इसलिए मोनो पोल काम शुरू किया जा रहा है। डेढ़ दो साल में ग्वालियर (gwalior) के विकास में आपको बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। चाहें फिर वो एयरपोर्ट हो या रेलवे स्टेशन।
गर्मी के सीजन में लाइनों पर आ जाता है ओवरलोड: बीजेपी
ऊर्जा मंत्री (energy minister) ने कहा कि ग्वलियर विधानसभा में बिजली आपूर्ती करने वाली 33 केवी की लाइनें 50 साल पुरानी हैं। ये लाइनें जर्जर भी हो चुकी है। कूलर, पंखे व एसी का उपयोग काफी बढ़ गया है। इसके साथ ही शहर का विस्तार भी हुआ है। इस कारण गर्मी के सीजन में लाइन ओवरलोड हो जाती हैं। गर्मियों में 33 केवी के एक फीडर में 20 से ज्यादा ट्रिपिंग है। आंधी व बारिश में लंबे फाल्ट का सामना करना पड़ता है। पुरानी होने की वजह से तार टूट जाते हैं। लोगों ने लाइनों के नीचे घर भी बना लिए हैं। लाइनों के नीचे घर होने से सुधारने में काफी दिक्कत होती है। इस परेशानी को खत्म करने के लिए मोनो पोल पर 33 केवी लाइन का निर्माण किया जा रहा है।