Edited By Vikas kumar, Updated: 12 Dec, 2018 07:25 PM
कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद को लेकर चल रही उठापटक अब थमने वाली है। विधायक दल की बैठक में कमलनाथ को प्रदेश का मुख्यमंत्री स्वीकार कर लिया गया है। बताया जा रहा है कि, यह प्रस्ता...
भोपाल: कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद को लेकर चल रही उठापटक अब थमने वाली है। चुनाव नतीजे घोषित होने के बाद आज भोपाल में हुई कांग्रेस विधायक दल की बैठक में कमलनाथ के नाम पर मुहर लग गई। अब सिर्फ औपचारिक ऐलान होना ही बाकी है। खास बात यह है कि, मुख्यमंत्री पद के दूसरे बड़े उम्मीदवार ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी कमलनाथ के नाम पर सहमति जता दी है। सिंधिया ने ही उनके नाम का प्रस्ताव रखा था।
बता दें कि, कुछ ही समय पहले भोपाल में शिवाजी पार्क में विधायक दल की बैठक हुई। जहां पर दिल्ली से आये पर्यवेक्षक एन्टनी ने एक-एक विधायक से मुलाकात की। वहीं हाथ खड़ा करवा कर भी प्रस्ताव पर सहमति ली गई। कमलनाथ के नाम का प्रस्ताव सर्वसमत्ति से पास हो गया। यहां सबसे खास बात यह थी कि, सिंधिया और दिग्विजय खेमे के विधायकों ने भी कमलनाथ के नाम पर सहमति जता दी। कुछ ही देर में इसका औपचारिक ऐलान होने की संभावना है।
कौन हैं कमनलाथ ?
कमलनाथ मध्यप्रदेश के कांग्रेस अध्यक्ष हैं। ये संगठन क्षमता में माहिर एवं एक कुशल रणनीतिकार माने जाते हैं। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी कमलनाथ को अपना तीसरा बेटा मानती थीं। प्रदेश में कांग्रेस को सत्ता तक पहुंचाने में कमलनाथ की बड़ी भूमिका रही है। वे 1980 में पहली बार सांसद बने। उसके बाद से वे आठ बार से छिंदवाड़ा से सांसद हैं। मई 1996 में हवाला केस में नाम आने के कारण कमलनाथ ने आम चुनाव में हिस्सा नहीं लिया था। इस बार उनकी पत्नी अलका नाथ ने कमलनाथ की सीट से चुनाव लड़ा था और वे जीत गईं थी। कमलनाथ पहली बार 1991 में वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री बने। वे कपड़ा राज्यमंत्री, केंद्रीय उद्योग मंत्री, परिवहन व सडक़ निर्माण मंत्री, शहरी विकास, संसदीय कार्य मंत्री भी रह चुके हैं और अब वे मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री पद की कमान संभालने जा रहे हैं।
सिंधिया ने रखा प्रस्ताव
भोपाल में हुई इस बैठक में सबसे खास बात यह रही कि, कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद के दूसरे सबसे बड़े उम्मीदवार ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ही कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनाने का प्रस्ताव रखा। इस प्रस्ताव का दिग्विजय सिंह ने समर्थन किया और सिंधिया गुट के विधायकों ने भी इसमें अपनी सहमती जताई। विधायक दल की बैठक से पहले इस बात की भी अटकलें थीं कि, ज्योतिरादित्य सिंधिया प्रदेश के अगले मुख्यमंत्री हो सकते हैं, लेकिन भोपाल में हुई इस बैठक ने सभी आशंकाओं पर विराम लगा दिया।