प्रज्ञा ठाकुर प्रताड़ना मामले में महाराष्ट्र पुलिस महानिदेशक तलब, मानवाधिकार आयोग ने इस दिन हाजिर होने को कहा

Edited By shahil sharma, Updated: 24 Feb, 2021 03:12 PM

maharashtra dgp summoned in pragya thakur torture case

साल 2008 में मालेगांव विस्फोट मामले में आरोपी भोपाल की बीजेपी सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर को हिरासत में प्रताड़ित करने की शिकायत पर महाराष्ट्र राज्य मानवाधिकार आयोग ने राज्य के पुलिस महानिदेशक को समन जारी किया है। आयोग ने डीजीपी को 6 अप्रैल को उनके...

भोपाल: साल 2008 में मालेगांव विस्फोट मामले में आरोपी भोपाल की बीजेपी सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर को हिरासत में प्रताड़ित करने की शिकायत पर महाराष्ट्र राज्य मानवाधिकार आयोग ने राज्य के पुलिस महानिदेशक को समन जारी किया है। आयोग ने डीजीपी को 6 अप्रैल को उनके सामने हाजिर होने को कहा है।

वकील आदित्य मिश्रा ने 2018 में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में इस मामले की शिकायत की थी, उस दौरान प्रज्ञा ठाकुर ने एक साक्षात्कार में आरोप लगाया था कि गिरफ्तारी के बाद महाराष्ट्र पुलिस के आतंकवाद रोधी दस्ते  ने उन्हें प्रताड़ित किया था। शिकायत में अनुरोध किया गया था कि आयोग को ठाकुर के आरोपों पर संज्ञान लेना चाहिए, क्योंकि ये भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 से जुड़ा मुद्दा है।

अभी जमानत पर हैं सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर

भोपाल से सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर फिलहाल इस मामले में जमानत पर जेल से बाहर हैं। वह 29 सितंबर 2008 में उत्तरी महाराष्ट्र के मालेगांव में हुए विस्फोट मामले की मुख्य आरोपी हैं और 9 साल जेल में भी रही हैं।

बता दें कि महाराष्ट्र के मालेगांव में अंजुमन चौक और भीकू चौक के बीच शकील गुड्स ट्रांसपोर्ट के सामने 29 सितंबर 2008 की रात बम धमाका हुआ था, जिसमें छह लोग मारे गए और 101 लोग घायल हुए थे। इस धमाके में एक मोटरसाइकिल इस्तेमाल की गई थी, एनआईए की रिपोर्ट के मुताबिक यह मोटरसाइकिल प्रज्ञा ठाकुर के नाम पर थी।

महाराष्ट्र एटीएस हेमंत करकरे के नेतृत्व में इसकी जांच की गई और इस नतीजे पर पहुंची कि उस मोटरसाइकिल के तार गुजरात के सूरत और अंत में प्रज्ञा ठाकुर से जुड़े थे। इसके बाद प्रज्ञा सिंह ठाकुर को गिरफ्तार किया गया था, उनपर मकोका भी लगाया था। मामले की शुरुआती जांच महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधक दस्ते ने की थी, जिसके बाद जांच एनआईए को सौंप दी गई थी। एनआईए की चार्जशीट में उनका नाम भी डाला गया।

प्रज्ञा ठाकुर ने अपने ऊपर प्रताड़ना के कई आरोप लगाए थे. प्रज्ञा ठाकुर ने कहा था कि एटीएस मुझे 10 अक्टूबर 2008 को सूरत से मुंबई लेकर गई थी। मुंबई में एटीएस ने 13 दिन तक बंधक बनाकर रखा हुआ था। बंधक बनाए जाने के दौरान पुरुष एटीएस कर्मियों ने बहुत प्रताड़ित किया, उन्होंने तब के एटीएस चीफ हेमंत करकरे पर भी प्रताड़ना के आरोप लगाए थे।

हेमंत करकरे मुंबई में हुए आतंकी हमले में आतंकवादियों की गोलियों का शिकार हुए थे। इसके अलावा जिस केस में साध्वी प्रज्ञा आरोपी थीं। उस मालेगांव सीरियल ब्लास्ट की जांच करकरे के पास थी, हालांकि उनकी चार्जशीट पर कई तरह के सवाल खड़े हुए थे। महाराष्ट्र के ज्वाइंट कमिश्नर के बाद उनको एटीएस चीफ बनाय गया था। 26 नवंबर 2009 को शहीद की शहादत को सलाम करते हुए सरकार ने मरणोपरांत उन्हें अशोक चक्र से सम्मानित किया था।

 

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