Edited By Jagdev Singh, Updated: 23 Jan, 2020 05:00 PM
बीजेपी के 50 से ज्यादा मुस्लिम कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने गुरुवार को नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में पार्टी से सामूहिक इस्तीफा दे दिया। बीजेपी को अलविदा कहने वाले इन कार्यकर्ताओं का कहना था कि इस देश में हिंदू-मुस्लिम मुद्दों का अंत...
इंदौर: बीजेपी के 50 से ज्यादा मुस्लिम कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने गुरुवार को नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में पार्टी से सामूहिक इस्तीफा दे दिया। बीजेपी को अलविदा कहने वाले इन कार्यकर्ताओं का कहना था कि इस देश में हिंदू-मुस्लिम मुद्दों का अंत होना चाहिए, लेकिन एक के बाद एक मुद्दे सामने आते जा रहे हैं जिसके चलते अर्थव्यवस्था और रोजगार जैसे मुद्दों पर चर्चा ही नहीं हो रही है।
इंदौर में इस्तीफा देने वाले बीजेपी कार्यकर्ताओं ने मीडिया से कहा कि वर्तमान परिदृश्य की बात करें तो देश में भेदभाव चल रहा है। कश्मीर से धारा 370 हटी तो हमने कहा कि अच्छा हुआ। हम उसके पक्ष में थे कि अब कश्मीर में हम भी जाकर रह सकते हैं। तीन तलाक समाप्त हुआ तब भी हमने कोई हिंदू-मुस्लिम नहीं किया। बाबरी मस्जिद के फैसले में भी मंदिर के साथ मस्जिद को भी स्थान दिया जा रहा है। इस देश में हिंदू-मुस्लिम कब तक चलेगा, एक मुद्दा समाप्त होता है तो दूसरा मुद्दा सामने आ जाता है। दूसरे के बाद तीसरा, चौथा लगातार नए-नए मुद्दे सामने कर दिए जाते हैं।
हम हिंदु-मुसलमान के बजाय अर्थव्यवस्था, रोजगार की बात कब करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की कार्यशैली से नाराज इन कार्यकर्ताओं का कहना था कि वे सीएए का विरोध करते हैं और प्रस्तावित एनआरसी के साथ ही एनपीआर का भी विरोध करेंगे। बीजेपी से इस्तीफा देने वालों में इंदौर के साथ महू, देवास और खरगोन के बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के पदाधिकारी शामिल हैं। इनका कहना है कि बीजेपी अब सबकी पार्टी नहीं रही। यहां सबके लिए इंसाफ नहीं है। जिस कानून की जरूरत नहीं थी, उसे खड़ा कर दिया गया। इसी के विरोध में पार्टी छोड़ी जा रही है। इनका कहना है कि वे इसलिए बीजेपी में नहीं आए थे कि वे अपनी बिरादरी, समाज से दूर हो जाएं।
पार्टी से इस्तीफा देने वालों में राजिक फर्शीवाला भी शामिल हैं जो भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के खास समर्थक माने जाते रहे हैं। इसके अतिरिक्त देवास की इटावा से पार्षद शबाना रईस खान, खरगोन अल्पसंख्यक मोर्चा के जिलाध्यक्ष तस्लीम खान, अल्पसंख्यक मोर्चा मप्र की सदस्य सईदा खान, अल्पसंख्यक मोर्चा मध्य प्रदेश के मीडिया प्रभारी आरिक शेख, रेहान चौधरी, अल्संख्यक मोर्चा के नगर महामंत्री वसीम खान आदि शामिल है।