आष्टा मंदिर से लाउडस्पीकर हटाने का आदेश, शिवराज बोले- तुष्टीकरण कर रही सरकार

Edited By meena, Updated: 29 Jan, 2020 02:10 PM

order to remove loudspeaker from ashta temple

सीहोर जिले के आष्टा मंदिर में लाउड स्पीकर पर बैन लगने के बाद मध्यप्रदेश की सियासत गरमा गई है। मंदिर में लाउडस्पीकर बंद रखने के आर्डर के बाद पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भी ट्वीट कर कमलनाथ सरकार पर हमला बोला है...

भोपाल: सीहोर जिले के आष्टा मंदिर में लाउड स्पीकर पर बैन लगने के बाद मध्यप्रदेश की सियासत गरमा गई है। मंदिर में लाउडस्पीकर बंद रखने के आर्डर के बाद पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भी ट्वीट कर कमलनाथ सरकार पर हमला बोला है। शिवराज सिंह चौहान ने कमलनाथ से सवाल किया कि प्रदेश के मुखिया की दृष्टि में तो सभी धर्म समान होने चाहिए, या नहीं?


शिवराज सिंह ने ट्वीट करते कहा- शर्मनाक तुष्टिकरण! कमलनाथ, कोलाहल नियंत्रण के नाम पर मंदिर से स्पीकर हटाने का जो आदेश जारी हुआ है, क्या रात्रि 10 से सुबह 6 के बीच स्पीकर का उपयोग करने वाले दूसरे धार्मिक स्थलों पर भी आप यह लागू करवा पायेंगे? प्रदेश के मुखिया की दृष्टि में तो सभी धर्म समान होने चाहिए, या नहीं?
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बता दें कि, आष्टा की एसडीएम अंजू विश्वकर्मा ने प्राचीन शिव शंकर मंदिर से लाउड स्पीकर उतारने का आदेश दिया था। एसडीएम ने मंदिर समिति के सदस्यों से कहा था कि- शिव मंदिर में बजने वाले लाउडस्पीकर को बंद कर दें। अगर लाउडस्पीकर बजाया तो आपके और पुजारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। एसडीएम ने कहा था कि कोलाहल नियंत्रण अधिनियम के अनुसार रात 10 से सुबह 6 बजे तक लाउडस्पीकर बजाने पर प्रतिबंध है। सुप्रीम कोर्ट भी इस मामले में आदेश दे चुका है। इसलिए आप लोग मंदिर से लाउड स्पीकर उतार लें। इस आदेश के बाद हिंदू समिति ने सीएम कमलनाथ को लेटर लिखकर जानकारी दी थी कि एसडीएम ने आष्टा के प्राचीन शिव मंदिर के पंडित हेमंत गिरि एवं समिति को तहसील बुलाकर चेतावनी दी गई है। इतना ही नहीं कहा गया कि ऊपर से शासन का आदेश आया है कि मंदिर में लाउड स्पीकर नहीं बजना चाहिए अगर ऐसा हुआ तो जब्त कर लिया जाएगा और कार्रवाई की जाएगी।

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गौरतलब है कि राज्य शासन के गृह विभाग ने 9 जनवरी को एक लेटर जारी किया था। ये लेटर सभी जिलों के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को लिखा गया है। इसमें कहा गया था कि मध्यप्रदेश कोलाहल नियंत्रण अधिनियम 1985 के अंतर्गत ध्वनि प्रसारण यंत्रों को एक निश्चित, निर्धारित अवधि में ही अनुमति प्रदान करने व ध्वनि की निर्धारित मात्रा के संबंध में अधिनियम के अंतर्गत प्रावधानों का पालन करना सुनिश्चित किया जाए। उच्चतम न्यायलय द्वारा पारित निर्णयों के अनुसार रात्र 10 बजे से सुबह 6 बजे तक ध्वनि प्रसारण यंत्रों के उपयोग पर सख्ती से पाबंजदी लगाई जाए। किसी भी प्रकार के नियमों के उल्लघंन की स्थिति में कड़ी कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।

 

 

 

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