Edited By Devendra Singh, Updated: 20 Jun, 2022 11:38 AM
पुलिस ने नकली बंदूक की दम पर लूट और चोरी की घटनाओं को अंजाम देने वाले 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
दंतेवाड़ा (पुष्पेंद्र सिंह): पुलिस (police) ने लूट और चोरी की वारदातों (event of loot and theft) को अंजाम देने वाले 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने जब इस पकड़े गए लोगों से कड़ाई से पूछताछ की तो चौंका देने वाले खुलासे हुए हैं। इन लोगों ने फिल्मी स्टाइल की तरह वारदातों को अंजाम दिया था। पुलिस की वर्दी पहनकर पैसे वाले घरों को टारगेट करते थे। इतना ही नहीं गूगल से एके-47 की तस्वीर निकाल कर हूबाहू लकड़ी बंदूक तैयार की जाती थी। रात को बाइक से निकलते थे और घरों में इन्ही बंदूकों की दम पर लूट और छिनैती जैसी गंभीर वारदातों को अंजाम देते थे।
एक ही क्षेत्र के रहने वाले है सभी आरोपी
पुलिस (police) ने इस बात का खुलासा रविवार को प्रेसवार्ता के दौरान किया है। गिरफ्तार आरोपियों में भूषण मरकाम, लखन नाग, अंनत नाग, विशाल कुंजाम, दीपक सिंह ठाकुर, गौरीशंकर नाग ये सभी आरोपी कुआकोंडा थाना क्षेत्र के है। इनके पास से एक मोबाइल, दो बाइक, 3 केमोफ्लाज टी शर्ट, 4 नकली हथियार और 2600 रुपये भी बरामद किए हैं।
वारदात का पैटर्न नक्सलियों जैसा
नकली बंदूकों (fake pistol) की दम पर नक्सली बनकर लूट को अंजाम देने वाला गिरोह हत्थे चढ़ा है। अलग थाना क्षेत्रों में वारदात को अंजाम देने वाले 6 आरोपियों को पुलिस ने लकड़ी की बनी नकली बंदूक को दरयाफ्त की है। पुलिस ने जानकारी देते हुए कहा कि कुआकोंडा थाना क्षेत्र में बीते 24 मई और 8 जून को वर्दीधारी नक्सलियों ने हल्बारास के सचिव और मोखपाल के सरपंच विनोद शोरी के घर में लूटपाट की थी। पीड़ितों ने कुआकोंडा थाना में FIR दर्ज कराई थी। इसके बाद से पुलिस इन आरोपियों को पकडऩे के लिए कार्रवाई कर रही थी।
एएसपी के कंधे पर थी आरोपियों को पकड़ने की जिम्मेदारी
इधर इस घटना की गंभीरता को देखते हुये दंतेवाड़ा एसपी सिद्धार्थ तिवारी ने नक्सल ऑपरेशन (naxal Operation) के एडिशनल एसपी योगेश पटेल और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र जायसवाल के नेतृत्व में एक स्पेशल जांच टीम (special team) बनवाई गई। पुलिस ने जब मामले की बारीकी से पड़ताल की तो 6 लोग पुलिस की गिरफ्त में आए। घटना का खुलासा करते हुए पुलिस ने जानकारी दी कि ये सभी आरोपी सीरियल लूट की वारदात को लगातार एक ही ट्रिक से अंजाम दे रहे थे. साथ ही इन सभी की उम्र 18 वर्ष से लेकर 26 वर्ष तक है, जिन्होंने गूगल का सहारा लेकर और यूट्यूब वीडियो की मदद से पूरे क्राइम को अंजाम दिया है।