Edited By Jagdev Singh, Updated: 15 May, 2020 07:52 PM
शिवराज सिंह चौहान सरकार ने कोरोना महामारी के बीच बड़ा फैसला लेते हुए राज्य के कर्मचारियों को होने वाले सातवें वेतनमान के एरियर की तीसरी किस्त के भुगतान पर रोक लगा दी है। सरकार ने इसके पीछे कोविड-19 आपदा नियंत्रण को जिम्मेदार बताया है। सरकार के...
भोपाल: शिवराज सिंह चौहान सरकार ने कोरोना महामारी के बीच बड़ा फैसला लेते हुए राज्य के कर्मचारियों को होने वाले सातवें वेतनमान के एरियर की तीसरी किस्त के भुगतान पर रोक लगा दी है। सरकार ने इसके पीछे कोविड-19 आपदा नियंत्रण को जिम्मेदार बताया है। सरकार के मुताबिक इस समय कोविड-19 से निपटने के लिए सरकार को वित्तीय मदद की जरूरत है और ऐसे में सरकार की स्थिति कर्मचारियों को एरियर के भुगतान की नहीं है। इसलिए फिलहाल मई में होने वाले तीसरे किस्त के भुगतान पर रोक लगाई जाती है.साफ है कि कर्मचारियों को एरियर की तीसरी किस्त का भुगतान नहीं होगा। सरकार के इस फैसले से साढे़ पांच लाख से ज्यादा अधिकारी और कर्मचारी प्रभावित होंगे।
वहीं इससे पहले केंद्र सरकार के कर्मचारियों को सातवां वेतनमान देने के बाद एमपी सरकार ने प्रदेश के कर्मचारियों को सातवां वेतनमान देने का फैसला किया था। 1 जनवरी 2016 से सातवां वेतनमान लागू करने का फैसला हुआ था। 1 जुलाई 2017 को कर्मचारियों को इसका भुगतान किया गया था। इसके अलावा कर्मचारियों पर जो 18 महीने का एरियर का भुगतान देना बन रहा था उसे सरकार ने 3 सालों में तीन किस्तों में भुगतान करने का फैसला लिया था। इसके तहत साल 2018 में पहली किस्त, साल 2019 में दूसरी किस्त का भुगतान किया गया और तीसरी और आखिरी किस्त का भुगतान मई 2020 में होना था, लेकिन सरकार ने इसे स्थगित कर दिया है। सरकार के इस फैसले से सरकारी खजाने में 1500 से 1800 करोड़ की बचत होने की संभावना है।
प्रदेश सरकार इससे पहले कर्मचारियों को दिए जाने वाले पांच फीस डडीए पर भी रोक लगा चुकी है. पूर्व की कमलनाथ सरकार ने आखिरी समय में कर्मचारियों को 5 प्रतिशत डीए देने का फैसला किया था। कमलनाथ कैबिनेट की बैठक में हुए इस फैसले पर शिवराज सरकार ने रोक लगा दी थी और इसके पीछे वजह सरकार की वित्तीय स्थिति ठीक नहीं होना बताया गया था। अब एक और बड़ा फैसला लेते हुए सरकार ने प्रदेश के अधिकारी और कर्मचारियों को मिलने वाले एरियर के भुगतान पर रोक लगा दी है।