Edited By meena, Updated: 21 Feb, 2020 12:53 PM

मध्य प्रदेश के छतरपुर जिला अस्पताल में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां एक मानसिक रोगी ने डॉक्टर की खाली पड़ी कुर्सी पर बैठकर मरीजों का इलाज कर दिया और उन्हें दवा भी लिख दी। इस सबके बाद जब...
छतरपुर: मध्य प्रदेश के छतरपुर जिला अस्पताल में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां एक मानसिक रोगी ने डॉक्टर की खाली पड़ी कुर्सी पर बैठकर मरीजों का इलाज कर दिया और उन्हें दवा भी लिख दी। इस सबके बाद जब लोगों को इस बात की भनक लगी तो पूरे अस्पताल में हड़कंप मच गया।

दरअसल, गुरुवार को छतरपुर जिला अस्पताल के ओपीडी विभाग में काफी भीड़ लग हुई थी। सभी डॉक्टर चैंबर में बैठकर मरीजों का इलाज कर रहे थे। तभी डॉक्टर हिमांशु जो अपने चैंबर पर मौजूद नहीं थे तो एक मानसिक रोगी वहां पहुंचा और डॉक्टर की सीट पर बैठकर मरीजों को देखना शुरू कर दिया। इस बात से बेखबर कई मरीजों ने दवाई लिखाई और चेकअप भी करवाया। मानसिक रोगी की लिखी दवाई लेने जब मरीज सरकारी मेडिकल स्टोर पर पहुंचे तो वहां दवा देने वाले अनूप शुक्ला को एक के बाद एक लाल पेन से लिखे पर्चों को देखकर शक हुआ। इसके बाद उन्होंने मरीजों से डॉक्टर का चैंबर नंबर पूछा और वहां पहुंचे। शुक्ला यह देखकर दंग रह गए कि वहां मानसिक रोगी सीट पर बैठकर मरीजों का इलाज कर रहा है। शुक्ला ने इस बात की जानकारी अस्पताल प्रशासन को दी, जिसके बाद उसे पकड़कर बाहर निकाला गया।

मानसिक रोगी के बारे में लोगों का कहना था कि वह इलाज के दौरान फर्राटेदार अंग्रेजी में बात कर रहा था। उसने अपने बारे में बताया कि वह दिल्ली के एम्स का डॉक्टर हैं, जिसका नाम डॉक्टर वीर बहादुर है। जब रोगी से पूछा गया कि उसने मरीजों को गलत दवा क्यों लिखी तो उसने कहा कि 100 फीसदी गारंटी लेता हूं, आप दवा चेक करा लीजिए, एकदम सही निकलेगा। वहीं जब उससे डॉक्टर बनने का कारण पूछा गया तो उसने कहा कि चैंबर खाली देखकर मरीज परेशान हो रहे थे, इसलिए मैंने उनका इलाज करना शुरू कर दिया। इसमें गलत क्या है?