Edited By meena, Updated: 15 Feb, 2020 11:05 AM
मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में शिवाजी की प्रतिमा हटाए जाने के बाद कांग्रेस भाजपा में युद्ध सा छिड़ गया है। दोनों ही पार्टियां एक दूसरे को घेरने में लगी है। अब शिवराज सिंह ने कांग्रेस के आरोपों पर कड़े शब्दों में कहा कि राजनीतिक रोटियां सेंकना न...
भोपाल: मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में शिवाजी की प्रतिमा हटाए जाने के बाद कांग्रेस भाजपा में युद्ध सा छिड़ गया है। दोनों ही पार्टियां एक दूसरे को घेरने में लगी है। अब शिवराज सिंह ने कांग्रेस के आरोपों पर कड़े शब्दों में कहा कि राजनीतिक रोटियां सेंकना न तो मेरे स्वभाव में है और न ही मेरे संस्कारों में।
उन्होंने आगे कहा कि मध्यप्रदेश शांति का टापू है लेकिन यदि महापुरुषों का अपमान किया जाएगा तो हम चैन से नहीं बैठेंगे। कांग्रेस ने प्रदेश में लूट का धन कूटने की विकृति पैदा कर दी है। भ्रष्टाचार का विकेन्द्रीकरण कर दिया गया है। जहां देखो वहां धन की लूट चल रही है। कांग्रेसी नेता पहले इसका जवाब दें फिर आरोप लगाएं! कांग्रेस पहले महापुरुषों का अपमान करती है और फिर बाद में पैसे का रौब दिखाकर प्रतिमा की पुर्नस्थापना की बात करती है लेकिन सौंसर की जनता में इतना सामर्थ्य है कि वे जनभागीदारी से प्रतिमा को ससम्मान पुनर्स्थापित कर सकें।
दरअसल, छिंदवाड़ा में जेसीबी से छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा हटाने के बाद बवाल खड़ा हो गया था। एक ओर जहां शिवराज सिंह ने कांग्रेस की इस कार्रवाई को महापुरुषों का अपमान करना बताया था तो दूसरी ओर कांग्रेस ने अपने खर्चे पर शिवाजी की मूर्ति स्थापित करने की बात कह मामले को नया मोड़ दिया था। इससे पहले शिवराज सिंह ने सरकार की कार्रवाई पर सवाल उठाए और सौंसर आकर इस मुद्दे को उठाने की बात कही। आखिरकार चारों तरफ से घिरने के बाद छिंदवाड़ा सांसद व सीएम कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ ने गिराई गई शिवाजी की प्रतिमा को दोबारा अपने खर्चे पर स्थापित करने की घोषणा की।
लगा कि विवाद यहीं थम जाएगा लेकिन शिवराज सिंह एक बार फिर कांग्रेस को घेरा और धन का रौब जताने के आरोप लगाए। फिर दूसरी तरफ से सांसद नकुलनाथ ने शिवराज सिंह पर ओछी राजनीति करने के आरोप लगाकर लंच पर इनवाइट किया और कहा कि छिंदवाड़ा आइए और विकास का मॉडल देखिए। इसके बाद शिवराज सिंह ने कहा कि ट्वीट कर लंच पर इनवाइट करना सौंसर, छिंदवाड़ा, मध्यप्रदेश और भारत की परंपरा नहीं है। मध्य प्रदेश को गर्त में पहुंचाने वालों के मुंह से विकास के मॉडल की बात अच्छी नहीं लगती।