गढ़कालिका मंदिर में पुजारी की नियुक्ति के लिए राजनीति शुरू

Edited By Vikas kumar, Updated: 27 Jul, 2019 11:06 AM

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जिले के मां गढ़कालिका माता मंदिर के पुजारी दीपक नाथ की 2 वर्ष पहले मृत्यु के बाद रिक्त पड़े पुजारी पद पर राजनीति शुरू हो गई है। मंदिर के पुजारी की मौत के बाद मंदिर में पुजारी पद खाली ...

उज्जैन: जिले के मां गढ़कालिका माता मंदिर के पुजारी दीपक नाथ की 2 वर्ष पहले मृत्यु के बाद रिक्त पड़े पुजारी पद पर राजनीति शुरू हो गई है। मंदिर के पुजारी की मौत के बाद मंदिर में पुजारी पद खाली हो गया है। पुजारी दीपकनाथ के पुत्र आदित्यनाथ जो महज 3 वर्ष के अवयस्क पुत्र हैं। इसलिए पुजारी की पत्नी टीनानाथ मंदिर में पूजन पाठ कर रही है। पुजारी का वंशज उसका 3 साल का बच्चा है जो अब मंदिर में महंत की गद्दी पर बैठा है। लेकिन प्रशासन ने उस बच्चे के नाबालिग होने के कारण उसे जिम्मेदारी ना देते हुए पुजारी के पद के लिए विज्ञप्ति निकाल दी है। विज्ञप्ति निकलने के बाद विपिन गिरी गोस्वामी मंदिर में पुजारी नियुक्ति के लिए दबाव बना रहे हैं। जबकि मां गढ़कालिका मंदिर में परंपरा अनुसार 6 पीढ़ियों से नाथ संप्रदाय के पुजारी ही नियुक्त किए गए हैं। मंदिर में सर्वप्रथम नारायण नाथ, रूपनाथ, सिद्धनाथ, मनोहर नाथ और दीपक नाथ पुजारी नियुक्त हुए। दीपक नाथ की मृत्यु के बाद उनके अवयस्क बच्चे के बालिग होने तक उनकी मां टीना नाथ मंदिर में पूजा पाठ कर रही हैं और वही पुजारी हैं। जबकि मंदिर पर कुछ राजनिति से जुड़े पूजारियों की नजर है। ऐसे में प्रशासन और नाथ संप्रदाय के महंत रामनाथ के बीच ठन गई है और निर्णय अटक गया  है।

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महंत ने भी पुजारी की नियुक्ति पर ली आपत्ति...

बड़ा श्रीराम मंदिर अंकपात मंगलनाथ मार्ग के महंत दिग्विजय दास गुरु, महंत किशोर दास महाराज भी अब विरोध में उतर आए हैं। उनकी ओर से गढ़कालिका मंदिर में पुजारी पद की नियुक्ति के लिए विपिन गिरी गोस्वामी द्वारा दिए गए आवेदन का विरोध करते हुए लिखित आपत्ति दर्ज कराई गई है। महंत ने आपत्ति में बताया कि वे स्वयं 30 साल से मंदिर में नियमित दर्शन के लिए जा रहे हैं। उनकी जानकारी के मुताबिक गढ़कालिका मंदिर में पुजारी रहे दीपक नाथ के पूर्वज 100 वर्षों से अधिक समय से मंदिर में पूजा, आरती व्यवस्थाएं वंश परंपरागत रूप से संभालते आ रहे हैं। दीपक नाथ की मृत्यु के बाद से उनकी पत्नी टीना व पुत्र आदित्यनाथ परंपरागत रूप से वर्तमान में व्यवस्था देख रहे हैं महंत ने तहसीलदार न्यायालय में आपत्ति देकर बताया मंदिर में अब तक वंश परंपरा के अनुसार नाथ संप्रदाय के लोग ही पुजारी नियुक्त होते आये हैं। ऐसे में आवेदक विपिन गिरी गोस्वामी किसी भी नियम में नहीं आते हैं।

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