Edited By Desh sharma, Updated: 04 Dec, 2025 07:39 PM

इंदौर हाईकोर्ट ने पॉस्को एक्ट के आरोपी के बेटे को पूछताछ मामले में बंदी बनाकर रखने और तीस घंटे तक हथकड़ी डालकर बैठाने के मामले में कड़ी टिप्पणी की है। कोर्ट ने इंदौर के चंदन नगर थाना प्रभारी पर आपराधिक मामला दर्ज करने और विभागीय जांच करने के आदेश...
इंदौर (सचिन बहरानी): इंदौर हाईकोर्ट ने पॉस्को एक्ट के आरोपी के बेटे को पूछताछ मामले में बंदी बनाकर रखने और तीस घंटे तक हथकड़ी डालकर बैठाने के मामले में कड़ी टिप्पणी की है। कोर्ट ने इंदौर के चंदन नगर थाना प्रभारी पर आपराधिक मामला दर्ज करने और विभागीय जांच करने के आदेश दिए हैं। हाईकोर्ट ने हथकड़ी लगाने के मामले में पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए हैं।
नाबालिग युवती ने 62 वर्षीय बुजुर्ग संजय दुबे पर कराया था मामला दर्ज
दरअसल इंदौर के चंदन नगर थाने में पिछले दिनों एक नाबालिग युवती द्वारा 62 वर्षीय बुजुर्ग संजय दुबे पर शारीरिक शोषण का मामला दर्ज करवाया था। इस मामले में पुलिस संजय की तलाश कर रही थी लेकिन जब संजय पुलिस के हाथ नहीं लगे तो पुलिस ने पूछताछ के लिए संजय के बेटे राजा को महालक्ष्मी नगर के एक सेलून से उठा लिया।
आरोपी के बेटे राजा दुबे को 30 घंटे हिरासत में रखा था
राजा दुबे के साथ अपराधियों की तरह व्यवहार करते हुए थाने में हथकड़ी लगाकर तीस घंटे तक थाने में बंद रखा। यही नहीं पुलिस ने राजा को पकड़ने का कोई संतोषजनक कारण भी नहीं बताया और परिजनों को मिलने भी नहीं दिया गया।
इसके बाद राजा के भाई ने इस मामले में इंदौर हाईकोर्ट में अपने वकील नीरज सोनी के माध्यम से बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की थी। जिस पर हाईकोर्ट की डबल बेंच ने सुनवाई करते हुए थाना प्रभारी इंद्रमणि पटेल को थाने के सीसीटीवी फुटेज के साथ कोर्ट में हाजिर रहने के आदेश दिए थे।
कोर्ट ने TI से पूछा- क्या आपने राजा को बिना कारण गिरफ्तार किया था?
गुरुवार को जब थाना प्रभारी पटेल कोर्ट में हाजिर हुए तो दोनों जजों ने पूछा कि क्या आपने राजा को बिना कारण गिरफ्तार किया था? उन्होंने स्वीकार करते हुए बताया कि राजा और इसके पिता संजय एक मामले में कई दिनों से गवाही देने नहीं आ रहे थे लिहाजा राजा को महालक्ष्मी नगर से पड़कर लाया गया था।
कोर्ट बोला-हड़कडी तो लगा दी, आपने उनके पैरों में बेड़ियां क्यों नहीं डाली?
इस पर न्यायालय ने टिप्पणी करते हुए कहा कि आपने इन्हें इतनी देर थाने में बंदी बनाकर क्यों बैठाया? जिस पर थाना प्रभारी पटेल ने जवाब दिया कि उनके भागने की आशंका थी इसलिए इन्हें हथकड़ी बांधकर बैठाया गया था।
इस पर कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी की और टीआई को फटकार लगाते हुए कहा कि आपने उनके पैरों में बेड़ियां क्यों नहीं डाली? यह हथकड़ी सहित भी फरार हो सकते थे।
इंदौर पुलिस कमिश्नर को विभागीय रूप से पूरी घटना की जांच का आदेश
दोनों न्यायाधीशों ने थाना प्रभारी पटेल के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज करने और विभागीय रूप से पूरी घटना की जांच करने के लिए इंदौर पुलिस कमिश्नर संतोष सिंह को निर्देशित किया है। साथ ही कहा है कि 14 दिन के भीतर थाना प्रभारी की गिरफ्तारी सुनिश्चित की जाए और विभागीय जांच की रिपोर्ट हाई कोर्ट के समक्ष पेश की जाए।