Edited By meena, Updated: 25 Jan, 2021 01:53 PM
कहने और सुनने में बेहद अटपटा लगता है कि डीजीपी और पुलिस अधिकारी एक कांस्टेबल को सैल्यूट करें लेकिन मध्य प्रदेश में कांस्टेबल रामचंद्र सिंह एक ऐसे शख्स हैं जिन्हें राज्य के आलाधिकारी सैल्यूट करते हैं। खास बात यह कि यह कोई एक बार नहीं बल्कि साल में दो...
भोपाल: कहने और सुनने में बेहद अटपटा लगता है कि डीजीपी और पुलिस अधिकारी एक कांस्टेबल को सैल्यूट करें लेकिन मध्य प्रदेश में कांस्टेबल रामचंद्र सिंह एक ऐसे शख्स हैं जिन्हें राज्य के आलाधिकारी सैल्यूट करते हैं। खास बात यह कि यह कोई एक बार नहीं बल्कि साल में दो दिन में होता है। ये दो दिन हैं गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस। दरअसल, इन दोनों ही राष्ट्रीय पर्व के मौके पर मध्य प्रदेश पुलिस के जवान जब परेड के लिए फुल ड्रेस रिहर्सल करते हैं तो उनके साथ पूरा प्रशासनिक अमला कांस्टेबल रामचंद्र सिंह कुशवाहा को सैल्यूट करता है क्योंकि रामचंद्र इस दौरान सीएम और राज्यपाल की भूमिका में होते हैं।
मध्य प्रदेश में गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस दो दिन कांस्टेबल रामचंद्र सिंह परेड रिहर्सल के दौरान मुख्यमंत्री की भूमिका में होते हैं। पुलिस जवान और आला अधिकारी पूरे प्रोटोकॉल के साथ उन्हें राज्यपाल और मुख्यमंत्री की तरह ही ट्रीट करते हैं।
हर साल की तरह इस साल भी गणतंत्र दिवस समारोह में निकलने वाली संयुक्त परेड का आखिरी अभ्यास रविवार को भोपाल के लाल परेड मैदान में किया गया। इस दौरान मध्य प्रदेश के पुलिस महानिदेशक विवेक जौहरी ने परेड एवं समारोह की व्यवस्थाओं का जायजा लिया।
बता दें कि यह सिलसिला पिछले 16 सालों से चलता आ रहा है कि स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्रता दिवस के मौके पर हेड कांस्टेबल रामचंद्र राज्यपाल और सीएम का डमी किरदार निभाते आ रहे हैं। 16 साल के इस लंबे अरसे में न जाने कितने डीजीपी बदल गए पर रामचंद्र इन किरदारों को निभाते आ रहे हैं। इस दौरान कांस्टेबल होने के बावजूद मध्य प्रदेश पुलिस मुखिया से लेकर आला अधिकारी उन्हें सैल्यूट करते हैं।
इतना ही नहीं रामचंद्र डायस पर जाकर राज्यपालकी भूमिका भी निभाते हैं। हालांकि भाषण रिकॉर्डेड होता है। ऐसा कुछ घंटों के लिए ही सही लेकिन साल में दो दिन रामचंद्र सिंह कुशवाहा को राज्यपाल और सीएम की तरह सम्मान मिलता है। इस बार वह पहली बार प्रोटेम स्पीकर की भूमिका में रहे।