Edited By Vikas Tiwari, Updated: 25 Sep, 2025 01:14 PM

कैबिनेट की मंजूरी के बाद अब नगरीय प्रशासन विभाग प्रदेश के नगरीय निकायों में गीता भवन बनाने की तैयारी में जुट गया है। पहले चरण में उन निकायों में गीता भवनों का निर्माण होगा, जहां जमीन उपलब्ध है। जिन निकायों के पास जमीन नहीं है, वहां सरकार एक रुपए में...
भोपाल: कैबिनेट की मंजूरी के बाद अब नगरीय प्रशासन विभाग प्रदेश के नगरीय निकायों में गीता भवन बनाने की तैयारी में जुट गया है। पहले चरण में उन निकायों में गीता भवनों का निर्माण होगा, जहां जमीन उपलब्ध है। जिन निकायों के पास जमीन नहीं है, वहां सरकार एक रुपए में जमीन उपलब्ध कराएगी। गीता भवनों का निर्माण पीपीपी मोड पर किया जाएगा और इन्हें सामाजिक, सांस्कृतिक और शैक्षणिक केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सभी नगरीय निकायों में गीता भवन बनवाने की घोषणा की थी। इसके बाद नगरीय विकास विभाग ने पांच साल में सभी 413 निकायों में गीता भवन बनाने का लक्ष्य तय किया है। जिन निकायों में जमीन उपलब्ध है, वहां निर्माण एजेंसी तय करने की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी।
आबादी से तय होगा गीता भवन का आकार
योजना के अनुसार 5 लाख से ज्यादा आबादी वाले नगर निगमों में 1500 बैठक क्षमता का गीता भवन बनेगा। 5 लाख तक की आबादी वाले नगर निगमों में 1000 बैठक क्षमता का गीता भवन बनाया जाएगा। छोटी नगरपालिकाओं में 500 सीट क्षमता वाले गीता भवन तैयार होंगे। इन भवनों को भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए इस तरह से बनाया जाएगा कि आबादी बढ़ने पर भी ये उपयोगी बने रहें।
गीता भवन में होगी आधुनिक सुविधाएं
गीता भवनों को बहुउद्देशीय बनाया जाएगा। इनमें बड़ा हॉल और लाइब्रेरी होगी, ई-लाइब्रेरी की सुविधा, साहित्य सामग्री बिक्री केंद्र, कैफेटेरिया और स्वल्पाहार गृह, एसी, पंखे और ठंडे पानी की व्यवस्था और ऑडिटोरियम जहां प्रवचन, सामाजिक व सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे।
कमर्शियल स्पेस से होगी देखरेख
भवन विकसित करने वाले निजी डेवलपर को बदले में कुछ कमर्शियल स्पेस मिलेगा। वहीं, नगरीय निकाय की कुछ दुकानें भी होंगी, जिनके किराए से भवन के मेंटेनेंस का प्रबंध किया जाएगा।