Edited By Himansh sharma, Updated: 13 Mar, 2025 07:32 PM

छिंदवाड़ा में गौशाला का बुरा हाल
छिंदवाड़ा। (साहुल सिंह): गोवंश की सुरक्षा और उनकी देखभाल को लेकर सरकार लाखों रुपए का बजट खर्च करती है, साथ ही तमाम योजनाएं चलाती भी है। लेकिन ज़मीनी स्तर पर अधिकारियों कर्मचारियों के लचर रवैया के चलते आए दिन गोवंश मौत के काल में समाहित हो रही है। ऐसे ही हालात इन दिनों नगर निगम के अधीनस्थ चन्दनगांव पाठाढाना की गौशाला के नजर आते हैं। जहां नगर निगम के जिम्मेदार अधिकारियों की अनदेखी के चलते बीते दिनों पूर्व कुछ गोवंश की मौत हो गई थी। उसके बाद भी नगर निगम में बैठे कर्मचारी कुम्भकर्णी नींद नहीं जाग पाए। वर्तमान में यह स्थिति है गौशाला में अव्यवस्था का आलम है और गोवंश भगवान भरोसे नजर आते हैं। वर्तमान में गौशाला में 200 से अधिक गोवंश है।
लेकिन उनकी देखरेख और सुरक्षा के लिए महज़ नगर निगम ने 6 कर्मचारी नियुक्त कर रखे हे। जबकि इसमें एक प्रभारी है। जो कभी - कभी गौशाला पहुंचते है। बचे 7 कर्मचारियों की 8 - 8 घण्टों की ड्यूटी लगती है। मतलब एक 8 घण्टे के भीतर मात्र 2 कर्मचारियों के भरोसे पूरी गौशाला होती है। और रात में मात्र एक ही कर्मचारी ड्यूटी करता है। जिसके ऊपर सुरक्षा सहित पूरी गौशाला की जिम्मेदारी होती है।
इससे आप अंदाजा लगा सकते हो नगर निगम द्वारा संचालित होने वाली गौशाला में गोवंश कितने सुरक्षित है। इन्हीं हालातों के चलते आये दिन गोवंश की मौत के मामले समाने आ रहे हैं। उसके बाद भी नगर निगम में बैठे मठाधीश इस तरफ अपना ध्यान नही दे रहे हैं।