Edited By Vikas kumar, Updated: 22 Aug, 2020 03:07 PM
जिले के नौगांव में बारिश के और सीलन के चलते अंग्रेज शासनकाल में निर्मित पुरानी बिल्डिंग धराशाई हो गई है। जिससे उसमें रखी पॉलिटेक्निक कॉलेज की बस भी हुई पूरी तरह छतिग्रस्त हो गई है। ग..
छतरपुर (राजेश चौरसिया): जिले के नौगांव में बारिश के और सीलन के चलते अंग्रेज शासनकाल में निर्मित पुरानी बिल्डिंग धराशाई हो गई है। जिससे उसमें रखी पॉलिटेक्निक कॉलेज की बस भी हुई पूरी तरह छतिग्रस्त हो गई है। गनीमत रही कि उस वक्त बिल्डिंग में कोई कर्मचारी नहीं था जिससे बड़ा हादसा टल गया।
जानकारी के मुताबिक बीती रात के समय स्थानीय पॉलिटेक्निक महाविद्यालय परिसर में वर्कशॉप के सामने वर्षों पुरानी पैंट्री की एक बिल्डिंग थी जिसे पॉलिटेक्निक प्रबंधन गैराज बता रहा है, वो पूर्णतः धरासायी हो गई है। अंग्रेजों के जमाने की यह बिल्डिंग लगभग सौ साल से अधिक समय पुरानी बताई जा रही है। गैराज में रखी एक मिनी बस भी बिल्डिंग की ही तरह पूर्णतः क्षतिग्रस्त हो गई। यह बस सन 1996 में वर्ल्ड बैंक के द्वारा चलाई जा रही योजनाओं को देखते हुए महाविद्यालय को दी गई थी। बस 22 सीटर थी।
मध्यप्रदेश के प्रसिद्ध पॉलिटेक्निक कॉलेज में से एक नौगांव का पॉलिटेक्निक कॉलेज जिसके रखरखाव में संबंधित अधिकारियों ने खास रुचि नहीं दिखाई। जिसके चलते नौगांव के पॉलिटेक्निक कॉलेज की बिल्डिंग क्षतिग्रस्त हुई है। अगर समय रहते इसका रखरखाव होता रहता तो यह बिल्डिंग तांस के पत्तों की तरह भरभरा कर नहीं गिरती। वहीं कॉलेज के प्रिंसिपल का कहना है कि बिल्डिंग आर्क आकार नुमा थी और अंग्रेजी शासन काल की थी जो बहुत पुरानी और जर्जर अवस्था में थी। इसकी मरम्मत भी नहीं हो सकती थी।मामला चाहे जो भी हो पॉलिटेक्निक कॉलेज में जरूरी चीजों के समय पर रखरखाव नहीं हो रहें हैं इसलिए जो यादगार चीजें हैं। वह धीरे-धीरे अपनी पहचान खोती जा रहीं हैं।