Edited By meena, Updated: 25 Sep, 2020 06:08 PM
कृषि बिल के खिलाफ जहां सारे देश के किसान विरोध कर रहे हैं, वहीं मुरैना जिले के कैलारस नगर में अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने विरोध प्रदर्शन किया। देशव्यापी भारत बंद के आह्वान की कड़ी में कैलारस में सैकड़ों किसानों ने इकट्ठे होकर सबसे पहले...
मुरैना(जुनैद पठान): कृषि बिल के खिलाफ जहां सारे देश के किसान विरोध कर रहे हैं, वहीं मुरैना जिले के कैलारस नगर में अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने विरोध प्रदर्शन किया। देशव्यापी भारत बंद के आह्वान की कड़ी में कैलारस में सैकड़ों किसानों ने इकट्ठे होकर सबसे पहले कृषि उपज मंडी कार्यालय के सामने धरना दिया। किसानों ने काले कानून वापस लेने, समर्थन मूल्य पर खरीदी सुनिश्चित करने का कानून बनाने, लागत से दोगुने दाम देने, कर्ज माफी सहित किसानों के कई मुद्दे उठाए। वहीं बाजरे की फसल के समर्थन मूल्य पर सरकारी खरीद तत्काल शुरू करने की मांग को लेकर रैली निकाली।
जानकारी के अनुसार, कैलारस में कृषि बिल का विरोध करते हुए मध्यप्रदेश किसान सभा के बैनर तले किसानों ने रैली निकालकर तहसील कार्यालय पर जोरदार प्रदर्शन करते हुए राष्ट्रपति के नाम संबंधित ज्ञापन तहसीलदार सुब्रता त्रिपाठी को दिया। इस मौके पर हुई आमसभा को संबोधित करते हुए मध्य प्रदेश किसान सभा के प्रांतीय उपाध्यक्ष अशोक तिवारी ने कहा कि कोविड-19 की आड़ में केंद्र सरकार संसद में लोकतंत्र का पटाक्षेप करते हुए किसान विरोधी काले कानून लाई है। जिन्हें विपक्ष की अनुपस्थिति में पारित कराया गया है। जिनमें अनाज मंडी समाप्त करने, ठेका खेती शुरू करने, आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन, बिजली का निजीकरण करने संबंधी कानून लाए गए हैं। देशभर में किसान इसका विरोध कर रहे हैं। हम इसका पुरजोर विरोध करते हैं। तत्काल सरकार से मांग करते हैं कि इन कानूनों को वापस लिया जाए। खेती और किसानों को बचाया जाए।
उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियों के चलते खेती, व्यापार ,उद्योग ,लोकतंत्र, संविधान सबकुछ तबाह हो रहा है। इस को बचाने के लिए बड़ी संख्या में लोगों को मैदान में आना है। उन्होंने किसानों से अपील की कि एकजुट होकर सड़कों पर इसका मुकाबला करें ।