Edited By Devendra Singh, Updated: 13 May, 2022 06:22 PM
ग्वालियर एयरवेज पर इन दिनों नीलगायों (Nilgai) का खतरा मंडरा रहा है। यहां से उड़ने वाली अधिकतर फ्लाइट और लड़ाकू विमानों के क्षतिग्रस्त होने की संभावना बनी रहती है।
ग्वालियर (अंकुर जैन): ग्वालियर एयरवेज (Gwalior airways) पर इन दिनों नीलगायों (Nilgai) का खतरा मंडरा रहा है और यही कारण है कि यहां से उड़ने वाली अधिकतर फ्लाइट और लड़ाकू विमानों के क्षतिग्रस्त होने की संभावना बनी रहती है। इतना ही नहीं नीलगाय अब एयरफोर्स के रिहायशी इलाकों में भी ढेरा जमा चुकी है। यही कारण है कि एयर फोर्स ने नीलगाय (Nilgai) से सुरक्षा के लिए वन विभाग को पत्र लिखाकर इस समस्या से अवगत कराया है। जिसके बाद वन विभाग ने 2 सदस्यीय जांच दल बनाकर मौका मुआयना के लिए भेजा है।
नीलगाय को नहीं है मारने की अनुमति: DFO
वन विभाग के डीएफओ बृजेश श्रीवास्तव का कहना है कि रिहायशी इलाकों में तो और फोर्सफुली उनको कैद किया जा सकता है। लेकिन रनवे का इलाका खुला इलाका है। ऐसे में उन्हें और फोर्सली नहीं पकड़ा जा सकता है, तो ऐसे में रनवे के आसपास मजबूत बाउंड्रीवाल बनाई जाए। इससे यदि नीलगायों का आतंक नहीं रुकेगा तो सरकार से विशेष परमिशन लेकर उन्हें मारने की कार्रवाई की जाएगी, क्योंकि मध्यप्रदेश में नीलगाय को मारने की अनुमति नहीं है।
जिसे निर्देश वैसे होगी कार्रवाई: बृजेश श्रीवास्तव
मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा हुआ है। इसीलिए इस मामले को लेकर केंद्र सरकार भी विशेष ध्यान रख रही है। उनका कहना है कि इसको लेकर केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है। वहां से जो निर्देश दिए जाएंगे, उसी आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। बैंगलोर के बाद भारत का सबसे बड़ा एयरबेस स्टेशन ग्वालियर है। यहां सैन्य अभ्यास लगातार जारी रहते हैं। इतना ही नही सर्जिकल अटैक के समय भी ग्वालियर से ही लड़ाकू विमानों ने उड़ान भरी थी।