Edited By meena, Updated: 18 Jan, 2020 04:36 PM
अपनी ही सरकार से नाराज कांग्रेसी विधायक मुन्नालाल गोयल धरने पर बैठ गए हैं। विधायक ने सरकार पर वादाखिलाफी के आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि सरकार को चुनावी घोषणापत्र में किए वादों को पूरा करना...
भोपाल(इजहार हसन खान): अपनी ही सरकार से नाराज कांग्रेसी विधायक मुन्नालाल गोयल धरने पर बैठ गए हैं। विधायक ने सरकार पर वादाखिलाफी के आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि सरकार को चुनावी घोषणापत्र में किए वादों को पूरा करना चाहिए। वे अपनी मांगो को लेकर राज्य विधानसभा के बाहर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास अपने समर्थकों के साथ धरने पर बैठे हुए हैं।
मुन्नालाल गोयल ने कहा, 'यह हमारे चुनाव घोषणा पत्र में किए गए वादों की याद दिलाने के लिए है। मैंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है जिसमें उनसे वादों को पूरा करने के लिए कहा लेकिन कुछ नहीं हुआ। इसी कारण मैं यहां धरने पर बैठा हूं।' यह पहली बार नहीं है जब कमलनाथ सरकार का विरोध हो रहा है।
दरअसल, विधायक भूमिहीनों को पट्टा नहीं मिलने से सरकार से खासे नाराज हैं। उनका कहना है कि सरकार ने अपने वचन पत्र में भूमिहिनों को पट्टा देने का वादा किया था लेकिन अभी तक यह वचन नहीं निभाया। इस संबध में कई बार ध्यानकर्षण भी लाया गया है लेकिन एक साल बीत जाने के बाद भी सरकार ने हमारी बात नहीं सुनी। इनके विधानसभा क्षेत्र में लगभग 1200 भूमिहीन लोग हैं, जिन्हें वे पट्टा दिलाने की मांग कर रहे हैं।
दरअसल, सरकार की वादाखिलाफी से नाराज मुन्नालाल गोयल ने शुक्रवार को ही सीएम कमलनाथ को पत्र लिखकर सूचना दे दी थी। उन्होंने लिखा था कि सत्तादल का विधायक बनने के बाद अपने क्षेत्र के भूमिहीन परिवारों के आशियानों पर ठंड में बुल्डोजर चलते देख रहा हूं। प्रशासन के अधिकारियों से कांग्रेस कार्यकर्ता का अपमान होते देख रहा हूं। अब इसे नहीं देख सकता हूं। वहीं कई अन्य मांगों का जिक्र भी पत्र में किया गया था।
वहीं गोयल ने पत्र में सीएम कमलनाथ की व्यस्तता का भी जिक्र किया था। उन्होंने लिखा कि, "मुख्यमंत्री के रूप में आप पर काम के बोझ को मैं महसूस करता हूं। आपको विधायकों से मिलने का समय नहीं है, लेकिन जिस जनता ने मुझे विधायक चुना है, उसके हितों का ख्याल रखना मेरा फर्ज है। पिछले छह माह में मुख्यमंत्री से लेकर संबंधित मंत्रियों को कई बार पत्र दे चुका हूं। लेकिन समस्याएं जस की तस हैं।" उन्होंने आगे कहा था कि आपको जगाने के लिए 17 जनवरी को विधानसभा सत्र की कार्यवाही का बहिर्गमन किया है।