Edited By Devendra Singh, Updated: 19 Jun, 2022 06:08 PM
भिंड रोड़ पर बसे आदित्यपुरम कॉलोनी के रहवासी सड़क, पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिए संघर्ष कर रहे हैं। 400 से ज्यादा परिवारों ने निकाय चुनावों के बहिष्कार का फैसला लिया है।
ग्वालियर (अंकुर जैन): मध्य प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव (urban body election 2022) के आते ही नेताओं के साथ साथ स्थानीय लोग भी सजक हो गए हैं। लोग बुनियादी व्यवस्थाओं को लेकर अपने क्षेत्र के जनप्रतिनिधि से चुनाव बहिष्कार की बात कर रहे हैं। आदित्यपुरम कॉलोनी के रहवासी सड़क, पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिए संघर्ष कर रहे हैं। कॉलोनी के करीब 400 से ज्यादा परिवारों ने निकाय चुनावों के बहिष्कार का फैसला लिया है।
डेवलपमेंट नहीं तो वोट नहीं
कॉलोनी के मुख्य द्वार पर मतदान बहिष्कार (baycott of election 2022) का एलान करने वाले पोस्टर, बैनर लगा दिए हैं और बैनरों पर लिख दिया गया है “सड़क, पानी नहीं तो वोट नहीं”, “विकास नहीं तो वोट नहीं”. मतदाताओं का कहना है कि नेता वादा करके भूल जाते हैं। शहरों में हमें गांव से भी बदतर हालात झेलने पड़ रहे हैं। इसलिए अब नेताओं को वोट देने का क्या फायदा?
बुनियादी सुविधाओं से किनारा कर लेते हैं जनप्रतिनिधि: सुनील सिंह
आदित्यपुरम फेस 2 कॉलोनी के निवासी सड़क और पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिए मोहताज हैं। शिकायतों के बावजूद ना तो क्षेत्रीय विधायक ने कोई स्थाई हल निकाला है और ना ही पूर्व पार्षद ने कभी इस कॉलोनी पर ध्यान दिया है। नतीजा यह है कि वार्ड 18 के अंतर्गत आने वाले आदित्यपुरम फेस 2 के निवासी अब चुनाव बहिष्कार की घोषणा कर रहे हैं।
खुद के खर्चे पर खरीदना पड़ता है टैंकर: स्थानीय निवासी
वहीं स्थानीय निवासी सुनील सिंह और अरविंद सिंह का कहना है कि मार्च से कॉलोनी के लोग पीने के पानी के लिए तरस रहे हैं। नगर निगम कभी कभार टैंकर भेज देता है तो कभी नहीं भेजता है। नतीजा लोगों को खुद अपने खर्चे पर टैंकर खरीदना पड़ता है। कॉलोनी में सड़कें भी नहीं हैं, जिसके चलते बारिश के दिनों में यहां से निकलना मुश्किल हो जाता है।