Edited By meena, Updated: 04 Dec, 2025 11:45 AM

सिवनी में वर्षों से लंबित एमआर-1 मार्ग की स्वीकृति के बाद राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। भाजपा संगठन से लेकर स्थानीय विधायक तक इसे अपनी...
सिवनी (काबिज खान) : सिवनी में वर्षों से लंबित एमआर-1 मार्ग की स्वीकृति के बाद राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। भाजपा संगठन से लेकर स्थानीय विधायक तक इसे अपनी पहल का परिणाम बता रहे हैं, जबकि कांग्रेस इसे भाजपा की वर्षों की निष्क्रियता और विलंब का परिणाम बता रही है।
क्या है एमआर-1 प्रोजेक्ट
इसके तहत लूघरवाड़ा NTPC से खैरीटेक तक लंबाई : 13.80 किमी जिसकी कुल लागत : 97.09 करोड़ रुपए है। जिसके लिए वर्ष 2025–26 के द्वितीय अनुपूरक अनुमान में राशि स्वीकृत हुई है।
भाजपा जिला अध्यक्ष आलोक दुबे का पुराना पत्र फिर चर्चा में
भाजपा जिला अध्यक्ष आलोक दुबे ने वर्ष 2023 में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भेजा गया अपना पत्र सोशल मीडिया पर साझा करते हुए कहा कि जिले की छह प्रमुख मांगों में से एक एमआर-1 मार्ग (छिंदवाड़ा रोड से पावर ग्रिड हाउस तक) आज पूरी हुई है। उन्होंने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह मार्ग सिवनी के बढ़ते यातायात दबाव को कम करने में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
विधायक दिनेश राय मुनमुन ने भी जताया धन्यवाद
विधायक दिनेश राय मुनमुन ने भी एमआर-1 मार्ग निर्माण की स्वीकृति को ऐतिहासिक बताया। उन्होंने क्षेत्र की जनता की ओर से मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा और जिला संगठन के प्रति आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि यह मार्ग सिवनी के भविष्य के यातायात और कनेक्टिविटी को नई दिशा देगा।
कांग्रेस प्रवक्ता राजिक अकील ने उठाए सवाल
दूसरी ओर जिला कांग्रेस प्रवक्ता राजिक अकील ने भाजपा नेताओं पर तीखे सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि “जो काम 12 वर्ष पहले हो जाना चाहिए था, वह अब जाकर स्वीकृत हुआ है। भाजपा डीपीआर तक नहीं भेज सकी थी।” एमआर-1 सहित एमआर-02, 03, 04 मार्गों के वर्षों तक अधूरे रहने को उन्होंने भाजपा की “निष्क्रियता” बताया। साथ ही उन्होंने कहा कि शहर की चौड़ी सड़कों को लेकर भी भाजपा के सांसद-विधायक उचित पहल नहीं कर पाए। राजिक अकील ने इसे “श्रेय की राजनीति” बताते हुए कहा कि सिवनी को वर्षों से वास्तविक विकास से वंचित रखा गया।
एमआर-1 मार्ग बना राजनीति का नया केंद्र
एक तरफ भाजपा इसे अपनी लगातार मांगों और प्रयासों का परिणाम बता रही है, तो दूसरी ओर कांग्रेस इसे देरी और कुप्रबंधन का प्रमाण बता रही है। लेकिन एक बात स्पष्ट है सिवनी की जनता को मिली इस बड़ी सौगात ने शहर के यातायात और विकास को नई रफ्तार देने की उम्मीदें बढ़ा दी हैं।