Edited By meena, Updated: 09 May, 2020 03:00 PM
कोरोना वायरस जैसे महामारी से पूरा देश त्रस्त है। हजारों लोगों को संक्रमण हो चुका है। बहुत से लोगों की जान जा चुकी है। सारे काम धंधे चौपट हो चुके है। हर तरफ बस कुछ ना कुछ भय का माहौल है। कई भूखे प्यासे प्राणी इस विपदा की घड़ी में सड़कों पर भटक रहे...
नरसिंहपुर(रोहित अरोरा): कोरोना वायरस जैसे महामारी से पूरा देश त्रस्त है। हजारों लोगों को संक्रमण हो चुका है। बहुत से लोगों की जान जा चुकी है। सारे काम धंधे चौपट हो चुके है। हर तरफ बस कुछ ना कुछ भय का माहौल है। कई भूखे प्यासे प्राणी इस विपदा की घड़ी में सड़कों पर भटक रहे हैं। होटल, ढ़ाबा भी बंद होने के कारण बचे हुए भोजन पर जिंदा रहने वाले जानवरों के लिए भूखमरी की स्थिति सामने आ गयी है।
ऐसे वक़्त पर कभी-कभी कुछ ऐसी तस्वीरें हमारे सामने आ जाती है, जिसे देखकर मानों हमारे शरीर के अंदर एक सकारात्मत ऊर्जा आ जाती है। ऐसा ही नजारा नरसिंहपुर जिले में देखने को मिला जहां संकट की इस घड़ी में मूक वधिर प्राणियों के लिए एक शख्स संकटमोचक बन गया है। जानकारी के अनुसार, देशभर में ऐसी विकट परिस्थिति में मूक प्राणियों की मदद के लिए उत्तम मेहरा नाम का शख्स मानवता की मिसाल बना है। जो मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर जिले में रहता है और शहर में स्थित हनुमान जी के अनगण मंदिर में चौकीदारी करता है। भले ही उत्तम कागज़ों की दौलत से गरीब हो मगर जो काम वह मूक पशुओं के लिए करते हैं। उससे उन्होंने यह साबित कर दिखाया है की अच्छाई और नेकी में वह बहुत अमीर है।
आपको बता दे की उत्तम रोजाना मंदिर के आस पास के क्षेत्र में बैठे बंदरो को अपनी मेहनत की चंद रुपयों की कमाई में कुछ हिस्सा बचाकर इन बंदरो के लिए कभी ब्रैड तो कभी चने खरीदकर इन्हें रोजाना खिलाते है और तो और मंदिर प्रांगण में जो भी पशु शरण लेते हैं। उनकी भी भूख प्यास की जवाबदारी वह खुद लेते है l उत्तम बताते हैं कि जिस रास्ते पर वह शाम के वक़्त गुजरते है उस वक़्त ये बन्दर वहां एकत्त्रित होकर उनका इंतज़ार करते हैं। अगर कभी पैसे ना हो पाने की वजह से वह इन बंदरों के लिए कुछ खाने के लिए नहीं लाते है तो ये बन्दर उनसे एक बच्चे की तरह उनसे नाराज़गी व्यक्त करते हुए उन्हें उस रास्ते से आगे नहीं जाने देते l