Edited By Vikas kumar, Updated: 22 Oct, 2019 03:39 PM
मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार को बने 9 महीने से भी ज्यादा का समय हो चुका है। ऐसे में मुंबई की एक कंपनी ''सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनोमी'' (CMIE) की एक रिपोर्ट से मध्य प्रदेश की कमलना
भोपाल: मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार को बने 9 महीने से भी ज्यादा का समय हो चुका है। ऐसे में मुंबई की एक कंपनी 'सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनोमी' (CMIE) की एक रिपोर्ट से मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार को खासा प्रोत्साहन मिला है। कमलनाथ सरकार ने इन 9 महीनों में रोजगार के नए विकल्प खोले हैं।
दरअसल CMIE की इस रिपोर्ट के अनुसार, दिसंबर 2018 में मध्य प्रदेश में बेरोजगारी दर 7% थी, जो कि सितंबर, 2019 के अंत में गिरकर 4.2% पर आ गई है। वहीं पूरे देश की बात करें तो CMIE की रिपोर्ट के अनुसार, देश में बेरोजगारी दर 8.1% तक पहुंच गई है। इस रिपोर्ट के अनुसार जनवरी 2019 से लेकर अगस्त 2019 तक ग्रामीण और शहरी इलाकों में रोजगार को लेकर बड़े बदलाव हुए हैं। वहीं इस रिपोर्ट में सकारात्मकता देख CM ऑफिस ने सरकार की पीठ थपथपाते हुए कहा है कि ‘कमलनाथ सरकार ने मध्य प्रदेश में 40 फीसदी तक बेरोजगारी कम की है’। हालांकि बीजेपी ने इस रिपोर्ट के आंकड़ों को मानने से इंकार कर दिया है, और कहा है कि यदि बेरोजगारी के स्तर पर कोई सफलता मिली भी है तो वह केन्द्र सरकार की योजनाओं के चलते मिली है।
दिग्विजय ने की कमलनाथ सरकार की तारीफ...
CMIE की इस रिपोर्ट के बाद कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह ने प्रदेश सरकार की जमकर तारीफ की और कहा कि ‘कमलनाथ जी को बधाई इस उपलब्धि के लिए, कांग्रेस सरकार का नेतृत्व किया। मुझे यकीन है कि मैग्नीफिसेंट एमपी के बाद MP में और अधिक नौकरियां होंगी। छिंदवाड़ा मॉडल काम करता नजर आ रहा है’। CMIE (सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनोमी) मुंबई की एक बिजनेस इन्फोर्मेशन कंपनी है। CMO ने इस रिपोर्ट को लेकर ट्वीट करते हुए लिखा है कि ‘मध्य प्रदेश में रोजगार बढ़े हैं। कमलनाथ सरकार में बेरोजगारी घटी है। 10 महीने के कम समय में सरकार ने साल 2018 के मुकाबले बेरोजगारी 40% तक घटायी है। लोगों को नौकरी ना मिलने की दर 7% थी, जिसे अब घटाकर 4.2% कर दिया गया है। यह कमलनाथ के सक्षम नेतृत्व का नतीजा है।’
वहीं इस रिपोर्ट को लेकर बीजेपी नेता गोपाल भार्गव का कहना है कि ‘पीएम मोदी द्वारा लॉन्च किया गया स्किल इंडिया प्रोग्राम के कई राज्यों में अच्छे नतीजे मिल रहे हैं। एमपी सरकार को मुद्दों का राजनीतिकरण नहीं करने की बजाय भाजपा सरकार में लॉन्च किए गए समाज कल्याण के कामों का अनुसरण करना चाहिए’।