Edited By suman, Updated: 19 Feb, 2019 09:10 AM
मध्य प्रदेश में सरकार बदलने के साथ ही क्राइम ग्राफ भी बढ़ा है। विधानसभा बजट सत्र में इस बात का खुलासा हुआ है। प्रदेश में बीते 73 दिनों में 332 हत्याएं हुईं, वहीं इसी अवधि में 6310 महिलाएं अत्याचार का शिकार बनी हैं। ये हैरान करने वाले आपराधिक आंकड़े...
भोपाल: मध्यप्रदेश में सरकार बदलने के साथ ही क्राइम ग्राफ भी बढ़ा है। विधानसभा बजट सत्र में इस बात का खुलासा हुआ है। प्रदेश में बीते 73 दिनों में 332 हत्याएं हुईं, वहीं इसी अवधि में 6310 महिलाएं अत्याचार का शिकार बनी हैं। ये हैरान करने वाले आपराधिक आंकड़े राज्य के गृहमंत्री बाला बच्चन ने नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव द्वारा सदन में पूछे गए सवाल के जवाब में लिखित तौर पर पेश किए हैं।
गृहमंत्री बाला बच्चन ने दी जानकारी
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भार्गव ने विधानसभा सत्र के पहले दिन गृहमंत्री बाला बच्चन से पूछा था कि राज्य में 11 नवंबर से 22 जनवरी की अवधि में अर्थात 73 दिनों में राज्य में कितनी हत्याएं, चोरी, डकैती और महिला अत्याचार की घटनाएं हुई और मामले दर्ज हुए हैं। गृहमंत्री ने भार्गव के सवाल में लिखित तौर पर बताया है कि राज्य में 11 नवंबर से 22 जनवरी के बीच हत्या की 332, महिला अत्याचार के 6310 मामले दर्ज किए गए हैं।
73 दिनों में 12325 मामले दर्ज
राज्य में 11 नवंबर से 11 दिसंबर अर्थात 31 दिन (कार्यकारी शिवराज सरकार) तक चुनाव अवधि रही, वहीं 12 दिसंबर से 22 जनवरी तक का काल अर्थात 42 दिन राज्य में कमलनाथ सरकार का है। अगर इसे देखा जाए तो प्रतिदिन चार से ज्यादा हत्याएं और 86 महिलाओं पर अत्याचार के औसत आंकडे सामने आए हैं। एमपी में 11 नवंबर से 22 जनवरी तक हुए अपराधों को जोड़ा जाए तो एक बात साफ हो जाती है कि इस अवधि में 12325 मामले दर्ज किए गए हैं।