Supreme Court बोला- प्रीमियम व्हिस्की पीने वाले पढ़े-लिखे और समझदार, ‘प्राइड’ शब्द पर किसी कंपनी का एकाधिकार नहीं

Edited By Vikas Tiwari, Updated: 24 Aug, 2025 02:40 PM

supreme court said those who drink premium whiskey are educated and intelligent

सुप्रीम कोर्ट ने शराब उद्योग से जुड़े एक अहम विवाद में स्पष्ट किया है कि सामान्य या प्रशंसात्मक शब्दों (जैसे प्राइड, गोल्ड, क्लासिक, रॉयल आदि) पर कोई कंपनी एकाधिकार का दावा नहीं कर सकती। कोर्ट ने यह फैसला फ्रांस की बहुराष्ट्रीय कंपनी पर्नोड रिकार्ड...

भोपाल: सुप्रीम कोर्ट ने शराब उद्योग से जुड़े एक अहम विवाद में स्पष्ट किया है कि सामान्य या प्रशंसात्मक शब्दों (जैसे प्राइड, गोल्ड, क्लासिक, रॉयल आदि) पर कोई कंपनी एकाधिकार का दावा नहीं कर सकती। कोर्ट ने यह फैसला फ्रांस की बहुराष्ट्रीय कंपनी पर्नोड रिकार्ड और मध्यप्रदेश इंदौर की कंपनी जेके इंटरप्राइजेज के बीच चले ट्रेडमार्क विवाद में सुनाया। साथ ही अपने फैसले में SC ने कहा है कि प्रीमियम व्हिस्की खरीदने वाला पढ़ा-लिखा और समझदार होता है, इसलिए उसके गुमराह होने की संभावना बहुत कम है।

PunjabKesari, Supreme Court, Trademark Dispute, Whisky Brand Case, Blenders Pride, London Pride, Pernod Ricard, JK Enterprises, Brand Identity, Consumer Rights, Breaking News

क्या था पूरा मामला?
फ्रांस की कंपनी पर्नोड रिकार्ड भारत में ब्लेंडर्स प्राइड, इंपीरियल ब्लू और सीग्राम्स जैसे लोकप्रिय ब्रांड बेचती है। उसने इंदौर के कारोबारी करणवीर सिंह छाबड़ा की कंपनी पर आरोप लगाया कि वह लंदन प्राइड नाम से व्हिस्की बेच रहे हैं, जिसका नाम और पैकेजिंग उनके ब्रांड से मेल खाती है। पर्नोड का दावा था कि उनके दशकों पुराने ब्रांड की पहचान को खतरा है और उपभोक्ता भ्रमित हो सकते हैं। वहीं, जेके इंटरप्राइजेज का कहना था कि ‘लंदन प्राइड’ और ‘ब्लेंडर्स प्राइड’ पूरी तरह अलग नाम हैं और ‘प्राइड’ शराब उद्योग में आमतौर पर इस्तेमाल होने वाला शब्द है।


इसे भी पढ़ें- फंस गए कथावाचक प्रदीप मिश्रा! 5 साल में हुई मौतों पर जांच की मांग, कांवड़ यात्रा में भी हुई थी बदइंतजामी

सुप्रीम कोर्ट में बोतलें भी पेश हुईं
यह मामला पहले वाणिज्यिक अदालत और फिर हाईकोर्ट से होता हुआ सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। सुनवाई के दौरान दोनों कंपनियों की व्हिस्की की बोतलें कोर्ट में पेश की गईं। तत्कालीन चीफ जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ ने मजाकिया अंदाज में पूछा कि ‘आप बोतलें साथ लाए हैं?’ इस पर पर्नोड के वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि तुलना के लिए ऐसा करना जरूरी था।

अगस्त 2024 में आए फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि
ट्रेडमार्क का मूल्यांकन समग्र रूप से किया जाता है, किसी एक शब्द को अलग करके नहीं।
पर्नोड का पंजीकरण केवल ब्लेंडर्स प्राइड नाम के लिए है, अकेले "प्राइड" शब्द के लिए नहीं।
‘प्राइड’ शराब उद्योग में इतना आम शब्द है कि उस पर किसी एक कंपनी का अधिकार नहीं हो सकता।
प्रीमियम व्हिस्की खरीदने वाला वर्ग शिक्षित और समझदार होता है, इसलिए उसके गुमराह होने की संभावना बहुत कम है।

एक्सपर्ट्स की राय
कानूनी जानकारों का कहना है कि इस फैसले का असर शराब उद्योग से आगे बढ़कर फैशन, लग्जरी और ऑटोमोबाइल सेक्टर तक होगा। अब केवल नाम की समानता पर अदालत से राहत पाना कठिन होगा। कंपनियों को उपभोक्ता भ्रम का ठोस सबूत पेश करना होगा।

Related Story

Trending Topics

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!