Edited By Vikas Tiwari, Updated: 17 Mar, 2023 04:45 PM

SP EOW बिट्टू सहगल ने इस मामले में तीन अलग -अलग एफआईआर दर्ज की गयी है।धारा 420 ,467 ,468 ,120 बी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर लिया गया है।
ग्वालियर (अंकुर जैन) आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने सरकारी जमीन को गलत तरीके से अपात्र लोगों को पट्टे पर देने के एक मामले में बड़ी कार्रवाई की है। 3 तहसीलदार, पंजीयक, पटवारी, स्टेनो समेत 13 अपात्र पट्टाधारकों खिलाफ केस दर्ज किया है। दरअसल मामला मुरैना के कैलारस तहसील का है। यहां शिकायतकर्ता सुल्तान सिंह ने शिकायत के बाद बडे़ फर्जीवाड़ा का खुलासा हुआ है। जिसके बाद EOW ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया।
दस्तावेजों में गड़बड़ियां कर बांटे पट्टे
EOW एसपी बिट्टू सहगल ने बताया कि सुल्तान सिंह नाम के एक युवक ने शिकायत की थी कि माखन यादव नामक पटवारी द्वारा उनकी मुरैना जिले में पदस्थापना के भ्रष्टाचार कर दस्तावेजों में गड़बड़ियां करके तैयार किया। वहीं कूटरचित डॉक्युमनेट्स के आधार पर अपात्र लोगों को शासकीय भूमि के पट्टे मुहैया कराए गए। जब मामले की जांच हुई तो यह तथ्य सामने आया कि जब पटवारी की ग्राम सेमई में पोस्टिंग थी, तब उन्होंने शासकीय प्रतिबंध के बावजूद लोगों को सरकारी जमीन के पट्टा दिए।
पटवारी ने अपनी पत्नी के नाम पर किया पट्टा!
जांच में पाया गया कि 2 करोड़ 43 की जमीन अपात्र लोगों को अवैधानिक ढंग से बांट दी गई। यहां तक पटवारी ने अपनी पत्नी के नाम पर भी बेशकीमती भूमि के पट्टा का कब्जा दिला दिया है। बिट्टू सहगल ने आगे बताया कि इस मामले में तीन अलग -अलग एफआईआर दर्ज की गई है। धारा 420 , 467, 468, 120बी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर लिया गया है।