Edited By Vikas kumar, Updated: 24 Aug, 2019 02:24 PM
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में पूर्व विधायक सुरेंद्र नाथ से पुलिस 23.76 लाख रुपए वसूलने की तैयारी में है। दरअल, विधायक पर गुमठी व्यापारियों के समर्थन में बिना किसी अनुमति के सीएम हाउस, वल्लभ भवन, पुलिस महानिदेशक और संभागायुक्त कल्पना श्रीवास्तव के...
भोपाल: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में पूर्व विधायक सुरेंद्र नाथ से पुलिस 23.76 लाख रुपए वसूलने की तैयारी में है। दरअल, विधायक पर गुमठी व्यापारियों के समर्थन में बिना किसी अनुमति के सीएम हाउस, वल्लभ भवन, पुलिस महानिदेशक और संभागायुक्त कल्पना श्रीवास्तव के चार इमली स्थित बंगले का घेराव करने के मामले में पूर्व विधायक सुरेंद्रनाथ सिंह से 23 लाख 76 हजार 280 रुपए वूसली की जाएगी। पुलिस ने इसके लिए वसूली प्रस्ताव भेज दिया है।
इसका प्रस्ताव तैयार कर पुलिस ने कलेक्टर तरुण पिथोड़े को भेज दिया है। पुलिस का कहना है कि 20 अगस्त को पूर्व विधायक सिंह और उनके समर्थकों द्वारा सीएम हाउस सहित 12 अलग-अलग स्थानों से घेराव किया गया था। इसके चलते पुलिस को प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए अतिरिक्त बल तैनात करना पड़ता था। इसके चलते पुलिस पुलिस प्रशासनिक, विभागीय और न्यायालयीन से जुड़े काम नहीं कर पाई। आकस्मिक ड्यूटी के चलते पुलिस को 23 लाख 76 हजार 280 रुपए का अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ा। इधर, पूर्व विधायक सुरेंद्रनाथ सिंह का कहना है कि 42 साल की उनकी राजनीतिक सफर में यह पहली घटना है, जब प्रदर्शन करने पर जुर्माना वसूली की बात की जा रही है।
आगे से रैली और सभा करने पर नहीं लेंगे अनुमति
सीएम हाउस सहित अन्य जगह जो घेराव किए गए थे, उसके बारे में पुलिस को जानकारी दी थी। चूंकि यहां कोई सभा नहीं थी, इसलिए अनुमति नहीं ली गई। पुलिस ने वसूली का प्रस्ताव भेजा है तो अगली बार से कोई भी प्रदर्शन, रैली और सभा करने पर कोई अनुमति नहीं लेंगे।
राशी जमा नहीं होने पर, चल-अचल संपत्ति की होगी कुर्की
कलेक्टर के निर्देश के बाद तहसीलदार पूर्व विधायक को नोटिस जारी कर 7 दिन में राशि जमा करने के आदेश जारी करेगा। ऐसे में अगर राशी जमा नहीं हुई तो चल और अचल संपत्ति की कुर्की कर वसूली की जा सकती है।
ये अभी शुरुआत है
आईजी बोले ये अभी शुरुआत है, इसे पार्टी विशेष से जोड़कर देखना गलत है। भू राजस्व संहिता के प्रावधानों के तहत हुई इस कार्रवाई को किसी पार्टी विशेष से जोड़कर देखना गलत होगा। ऐसे प्रदर्शनों से आखिरकार नुकसान तो आम जनता का ही होता है।
शिवराज का कमलनाथ सरकार पर हमला
शिवराज का कहना है कि ये तुगलकी फैसला है। सरकार जनाक्रोश से डरी हुई है। इन्हें डर है रोज ऐसे ही प्रदर्शन होंगे। लोग इंदिरा जी के आपातकाल के दौरान दमन नीतियों से नहीं डरे तो इससे क्या। कमलनाथ जी आपकी कुचलने वाली नीतियों को कुचल देंगे। ऐसा मध्य प्रदेश नहीं देश के राजनीतिक इतिहास में कभी नहीं हुआ। कमलनाथ बीजेपी को डराने ओर दबाने की कोशिश कर रहे है। हम अपील करते है सरकार लोकतंत्र को कुचलने के तुगलकी फरमान ना निकाले। वही उन्होंने धमकी देते हुए कहा कि मैं भी देखूंगा कितनों की संपत्ति जप्त करते है।