सिंगरौली में 6 लाख पेड़ों की कटाई: कंपनी के लिए जंगल छावनी में, स्थानीय लोग डर के साए में

Edited By Himansh sharma, Updated: 10 Dec, 2025 12:13 PM

6 lakh trees felled in singrauli forest in cantonment for company

मध्यप्रदेश के सिंगरौली जिले में गुजरात की कंपनी मेसर्स स्ट्राटाटेक मिनिरल्स रिसोर्सेज प्राइवेट लिमिटेड को प्राप्त कोल ब्लॉक के लिए तकरीबन 6 लाख पेड़ों की कटाई की जा रही है.

सिंगरौली। (अंबुज तिवारी): मध्यप्रदेश के सिंगरौली जिले में गुजरात की कंपनी मेसर्स स्ट्राटाटेक मिनिरल्स रिसोर्सेज प्राइवेट लिमिटेड को प्राप्त कोल ब्लॉक के लिए तकरीबन 6 लाख पेड़ों की कटाई की जा रही है.इसके लिए लगभग 20 दिनों से पूरे इलाके को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है.पहले चरण में यहां 72 हेक्टेयर में लगभग 33 हजार पेड़ काटने का काम चल रहा है.

एक निजी कंपनी के लिए इतने बड़े पैमाने पर हो रहे प्राकृतिक विनाश को लेकर स्थानीय लोगों में चिंता और भय का माहौल व्याप्त है.विरोध की आवाज कुचलने के लिए प्रशासन द्वारा यहां के लोगों को मुकदमे और जेल का डर दिखाया जा रहा है.मीडिया और अन्य लोगों के लिए जंगल जाने पर पूरी तरह से प्रशासन तानाशाही पूर्ण रवैया अपनाने लगा है.

पहले कंपनी के बारे में जानिए -

स्ट्राटाटेक मिनिरल्स रिसोर्सेज प्राइवेट लिमिटेड कंपनी जिसे सिंगरौली जिले में धिरौली कोल ब्लॉक आवंटित किया गया है.यह कंपनी गुजरात के अहमदाबाद में रजिस्टर्ड है.यह अदानी ग्रुप की सब्सिडरी कंपनी महान एनर्जन लिमिटेड(MEL)की एक सम्मिश्रित(merged) कंपनी है.

धिरौली कोल ब्लॉक पर एक नजर

कोल ब्लॉक से जुड़े दस्तावेज बताते हैं कि धिरौली कोल ब्लॉक कुल 26.72वर्ग किलोमीटर में फैला है.इसमें जिले के कुल 8 गांव प्रभावित होंगे.जिनमें धिरौली,फाटपानी,झलरी,अमराईखोह,बेलवार, सिरसवाह, आमडॉड़,वासीबेरदह शामिल हैं.इन्हीं गांवों में  लगभग 1398 हैक्टेयर क्षेत्रफल में लगभग 6 लाख पेड़ काटे जायेंगे.इन पेडों में सागौन से लेकर आंवला और अन्य प्रजाति के पेड़ शामिल हैं.

यहां रहने वाले आदिवासी समुदाय के लोग इसे प्राकृतिक विनाश मान रहे हैं.एक स्थानीय युवक भावुक हो गया उसने बताया कि " यहां हम लोग 10 पीढ़ी से गुजारा करते आ रहे हैं.उसने आगे कहा कि पूर्वज हमें आदेश नहीं दे रहे हैं कि इसको कटाई करवाओ,कंपनी को दो."

धिरौली कोल ब्लॉक के लिए इतने बड़े प्राकृतिक विनाश को लेकर स्थानीय स्तर पर शुरू हुए विरोध को प्रशासन ने शुरुआत में ही कुचल दिया.इस डर से स्थानीय लोग अब इतना सहम गए हैं कि कोई खुलकर कुछ बोलने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं.पेड़ों की कटाई का विरोध जताने वाले अखिलेश शाह को प्रशासन ने कुछ दिन पहले जिला बदर का नोटिस थमा दिया.अखिलेश शाह बासीबेरदाह के निवासी हैं.इनका कहना है कि अदानी कम्पनी का विरोध करने के कारण प्रशासन उनपर झूठे मुकदमे से दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है.

सिंगरौली कलेक्टर गौरव बैनल का कहना है कि सभी अनुमतियों के बाद ही पेड़ों की कटाई की जा रही है.उन्होंने दावा किया है कि बासीबेरदाह गांव के लोग भी पेड़ों की इस कटाई को सपोर्ट कर रहे हैं.लेकिन कलेक्टर का इस दावे को मौजूदा परिस्थितियां झूठा साबित कर रही हैं.

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