मधुमक्खियों का बदला... मजदूर ने एक मधुमक्खी मारी तो मधुमक्खियों ने मजदूरों पर किया हमला, 1 की मौत, डेढ़ दर्जन घायल

Edited By meena, Updated: 21 Sep, 2022 07:04 PM

bees attack the workers working to clean the canal

मीठा और पौष्टिक शहद देने वाली मधुमक्खी भी किसी को मौत के घाट उतार सकती है। भूल कर भी झुंड में रहने वाली मधुमक्खी को हल्के में लेकर छेड़ने की गुस्ताखी न करे। जी हां बालाघाट में चार दिन के भीतर मधुमक्खी के हमले की दो अलग-अलग घटनाओं में जहां एक महिला और...

बालाघाट (हरीश लिलहरे): मीठा और पौष्टिक शहद देने वाली मधुमक्खी भी किसी को मौत के घाट उतार सकती है। भूल कर भी झुंड में रहने वाली मधुमक्खी को हल्के में लेकर छेड़ने की गुस्ताखी न करे। जी हां बालाघाट में चार दिन के भीतर मधुमक्खी के हमले की दो अलग-अलग घटनाओं में जहां एक महिला और एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है तो वहीं लगभग 20 लोग घायल है जिनका जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है। कुछ दिनों पूर्व ही मधुमक्खी के हमले से किरनापुर क्षेत्र के ग्राम पाथरी निवासी 32 वर्षीय रेवकन बाई पति अखिलेश कुथे की भी मौत हो चुकी है। इस तरह की घटना जिले में आये दिन घट रही है। ऐसे में लाजमी है कि अब लोगों को मधुमक्खी के झुंड से जरा बच के ही रहना होगा।

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मधुमक्खी हमले के ताजा मामले की बात करे तो प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम ट्वेझरी के समीप गांगुलपारा जलाशय से निकलने वाली छोटी नहर की सफाई और मरम्मत का कार्य चल रहा था। सिंचाई विभाग द्वारा करीब दो दर्जन मजदूरों से यहां सफाई करवाई जा रही थी। नहर की सफाई का यह कार्य ग्राम पायली के मजदूरों द्वारा किया जा रहा था। 20 सितंबर को करीब दो दर्जन मजदूरों द्वारा, नहर की सफाई एवम, झाड़ियों की कटाई की जा रही थी। यहां 3 बजे जब मजदूर खाना खाने के बाद पुनः नहर की सफाई कार्य में जुट गए। तभी एक मधुमक्खी पहुंची और एक मजदूर को काट दिया। जहां मजदूर ने उस मधुमक्खी को मार दिया। जिसके बाद एक मधुमक्खी को मारने का बदला लेने मधुमक्खियों के झुंड ने अचानक सभी मजदूरों पर हमला कर दिया। मधुमक्खियों के अचानक इस हमले से मजदूरों में भगदड़ मच गई। वही कुछ मजदूरों ने भागकर जान बचाई तो कुछ मजदूरों ने नहर के पानी में छलांग लगा दी जान को बचाने नहर के पानी मे डूबकर काफी देर संघर्ष किये।

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घायलों की माने तो काल बनकर मधुमक्खियों ने हमला करके ऐसा कहर मचाया कि लोगों को जान के लाले पड़ गए थे। यहां मधुमक्खी के हमले का क्रम करीब आधा घंटा तक चलता रहा। मधुमक्खियों के भाग जाने के बाद यह खबर जब गांव में पहुंची तो, गांव के लोगों ने 108 एंबुलेंस और निजी वाहनों से सभी मजदूरों को जिला अस्पताल लाया गया। यहां एक मजदूर सुखराम नगपुरे की ईलाज के दौरान मौत होने से अब मातम पसर गया है। बता दें कि टवेझरी में घटी मधुमक्खी के हमले की घटना सबसे अधिक महिला मजदूर घायल हुई है। वहीं बात कुछ दिन पूर्व किरनापुर क्षेत्र ग्राम पाथरी में भी मधुमक्खी ने हमले में 32 वर्षीय रेवकन बाई कुथे गंभीर रूप से घायल हो गई थी जिसे इलाज के लिए महाराष्ट्र गोंदिया के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। बहर हाल ग्राम टवेझरी में घटित मधुमक्खी के हमले की घटना में सुखराम नगपुरे की मौत के बाद और कई महिलाओं का इलाज चल रहा है जो गंभीर रूप से घायल है।

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मधुमक्खी के काटने या हमले की घटना आये दिन सुर्खियों में रहती है लेकिन ऐसी घटनाओं से सबक लेने के बजाए मधुमक्खियों के निशाने पर आ ही जाते है। जरूरी हो गया है कि मधुमक्खी के हमले से बचने के लिए आवश्यक सावधानी और सूझ बूझ से कैसे अपनी और लोगों की जान बचाई जा सके। इसके लिए आम जन मानस को प्रशिक्षण देकर जागरूक करने की आवश्यकता है। साथ में ये भी सबक लेने की जरूरत है कि अपनी ही धुन में झुंड बनाकर रहने वाली मधुमक्खी को छेड़ने या मारने की कोशिश न करे वरना मधुमक्खी जान लेकर अपना बदला भी पूरा कर सकती है। बेहतर होगा कि मधुमक्खी को न ही छेड़े।

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