Edited By meena, Updated: 31 Jul, 2019 05:16 PM
राजधानी में सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक में करोड़ों को घोटाले का मामला सामने आया है। इसमें ईओडब्लयू ने प्रदेश सरकार की सहमति से तत्कालीन एमडी आरएस विश्वकर्मा और अध्यक्ष जीवन सिंह मैथिल समेत तेरह लोगों पर जल्द ही मुकदमा दर्ज कराएगी। इन सब को बैंक के 118...
भोपाल: राजधानी में सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक में करोड़ों को घोटाले का मामला सामने आया है। इसमें ईओडब्लयू ने प्रदेश सरकार की सहमति से तत्कालीन एमडी आरएस विश्वकर्मा और अध्यक्ष जीवन सिंह मैथिल समेत तेरह लोगों पर जल्द ही मुकदमा दर्ज कराएगी। इन सब को बैंक के 118 करोड़ रुपए डुबाने का जिम्मेदार माना गया है।
प्रतिबंधित कंपनी ILFS में 112 करोड़ का किया था निवेश
बताया जाता है कि RBI और नाबार्ड के निर्देशों को नजरअंदाज करते हुए अधिकारियों ने मिलीभगत कर निजी क्षेत्र की वित्तीय संस्थाओं में 331 करोड़ रुपए का निवेश कर दिया। इस राशि में से 112 करोड़ आईएलएफएस नाम की उस संस्था में निवेश किया जो पहले से प्रतिबंधित थी। आईएलएफएस नाम की उस कंपनी के जिम्मेवार पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं। बैंक ने 150 करोड़ रुपए का निवेश अडानी ग्रुप में भी किया है। शेष तीन कंपनियों में बाकी रकम रखी गई। इन निवेशों का निर्णय 2016-17 में लिया गया था।
वहीं तत्कालीन अध्यक्ष जीवन सिंह मैथिल का कहना है कि निवेश करने के 7-8 माह बाद बोर्ड को जानकारी दी गई। इसके बाद भी हमने यही कहा कि आरबीआई और नाबार्ड के निर्देशों के आधार पर ही निवेश किया जाए। अब इन्होंने जांच क्या की है, इस बारे में सूचना के अधिकार में जानकारी मांगी गई, लेकिन नहीं मिली। लिहाजा कोर्ट गए हैं। वहां बताया कि बिना हमें सुने ही जांच हो गई है। आगे जो भी होगा, उसका जवाब देंगे।