Edited By ASHISH KUMAR, Updated: 14 Nov, 2018 06:26 PM
इस बार विधानसभा चुनाव में उतरे प्रत्याशियों के लिए चुनाव कार्यालय खोलना टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। वे निर्वाचन आयोग के नियमों में ऐसे उलझे हैं कि प्रचार-प्रसार का बहुत कम समय बचने के बाद भी अपने क्षेत्रों में चुनाव कार्यालय नहीं खोल पा रहे हैं...
सिवनी: इस बार विधानसभा चुनाव में उतरे प्रत्याशियों के लिए चुनाव कार्यालय खोलना टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। वे निर्वाचन आयोग के नियमों में ऐसे उलझे हैं कि प्रचार-प्रसार का बहुत कम समय बचने के बाद भी अपने क्षेत्रों में चुनाव कार्यालय नहीं खोल पा रहे हैं, जबकि आयोग ने बाकायदा प्रत्याशियों की सुविधा के लिए रैली, सभा, वाहनों तथा कार्यालयों की अनुमति हेतु ऑनलाइन व्यवस्था भी की है। बता दे कि, प्रत्याशियों के चुनाव कार्यालय खोलने के लिए भवन मालिक की अनुमति प्रमाण पत्र लेना अनिवार्य है। सिवनी में राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी और उनके साथ प्रदेश के मुखिया कमलनाथ आगमन की तैयारी जिस लचर तरीके से हो रही है उससे सिवनी काँग्रेस की चुनाव और अपने प्रत्याशी के प्रति गंभीरता साफ नजर आती है ।
दरअसल, 16 नवंबर को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी आदिवासी अंचल की सीटों पर सभाओं को संबोधित करेंगें। वे बुंदेलखंड, महाकौशल और विंध्य में चार सभाए करेंगे। राहुल का फोकस सिवनी जिले की आरक्षित सीट बरघाट पर भी रहेगा जिसके चलते सिवनी मुख्यालय के कांग्रेस कार्यालय में कार्यकर्ताओ की सभा का आयोजन भी किया गया है। हालांकि सभा मे जिले के सभी कार्यकर्ताओ को आमंत्रित किया गया था। बावजूद इसके चारों विधानसभा का एक भी प्रत्याशी सभा में नहीं पहुंचा। वहीं प्रदेश कांग्रेस सचिव राजा बघेल ने बताया कि अब तक सिवनी में कांग्रेस का एक भी चुनावी कार्यालय नही खुला है और न ही अभी तक सिवनी बरघाट के कांग्रेस के चुनावी प्रभारी तय हुए हैं।