पूर्व CM कमलनाथ ने MP में कोरोना की स्थिति पर जताई चिंता, प्रदेश सरकार से की ये मांग

Edited By Jagdev Singh, Updated: 17 May, 2020 04:59 PM

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देश में कोरोना की चेन तोड़ने के लिए लागू लॉकडाउन के अब तक तीन चरण हो चुके हैं। आज लॉकडाउन 3.0 का आखिरी दिन है, ऐसे में कांग्रेस के कद्दावर नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कोविड-19 को लेकर मध्य प्रदेश की स्थिति चिंताजनक बताई है।...

भोपाल: देश में कोरोना की चेन तोड़ने के लिए लागू लॉकडाउन के अब तक तीन चरण हो चुके हैं। आज लॉकडाउन 3.0 का आखिरी दिन है, ऐसे में कांग्रेस के कद्दावर नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कोविड-19 को लेकर मध्य प्रदेश की स्थिति चिंताजनक बताई है। रविवार को बयान जारी करते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण व इससे हो रही मौतों के आंकड़े दिन-प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं।

कमलनाथ ने बताया कि प्रदेश में लॉकडाउन के पहले दिन 24 मार्च तक कोरोना के मात्र 4 मरीज थे और आज बात करें तो लॉकडाउन 3 की समाप्ति पर प्रदेश में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा बढ़कर 5000 के करीब पहुंच चुका है। कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा 250 के करीब है। ये महामारी शहरों से गांव की और भी निरंतर बढ़ती जा रही है। प्रदेश के 45 से ज्यादा जिले और 100 से ज्यादा गांव कोरोना की चपेट में आ चुके हैं। कमलनाथ ने भोपाल और इंदौर की स्थिति पर भी चिंता जाहिर की।

कमलनाथ ने कहा कि जिस हिसाब से प्रदेश में कोरोना महामारी का संक्रमण बढ़ता जा रहा है, उस हिसाब से आज भी स्वास्थ्य सेवाएं मजबूत करने की आवश्यकता है। आज भी पीपीई किट से लेकर मास्क व अन्य सुरक्षा संसाधनों के अभाव में कोरोना वॉरियर्स प्रतिदिन संक्रमित हो रहे हैं। प्रदेश में आज भी वेंटिलेटर से लेकर अन्य आवश्यक मेडिकल उपकरणों का अभाव है। आंकड़े बताते हैं कि प्रदेश में 75,000 लोगों पर एक वेंटिलेटर है और 47,000 लोगों पर एक आईसीयू बेड की उपलब्धता है। प्रदेश के 10 जिले ऐसे हैं जहां पर निजी अस्पतालों में एक भी वेंटिलेटर नहीं है। वहीं करीब 10 जिलों में कुल वेंटिलेटर की संख्या 5 भी नहीं है। भोपाल-इंदौर-जबलपुर जैसे शहरों में भी इस महामारी के बढ़ते आंकड़ों को देखते हुए आवश्यकता अनुसार इनकी कमी है।

कमलनाथ ने आरोप लगाया कि आज भी प्रदेश के निजी अस्पतालों में आम मरीजों को इलाज नहीं मिल पा रहा है। कोरोना मरीजों से भी भारी भरकम बिल वसूले जा रहे हैं। इन पर सरकार का अभी तक कोई नियंत्रण नहीं है। कमलनाथ ने मांग की कि सरकार को संक्रमण के बढ़ते आंकड़ों को देखते हुए स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने की दिशा में ठोस कार्य योजना बनाकर कार्य करना चाहिए। अस्पतालों में आवश्यक सुरक्षा संसाधनों व मेडिकल उपकरणों की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए।

स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल उठाने के साथ ही कमलनाथ ने कहा कि आज भी प्रदेश में लोगों को दूध-दवाई व आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। वहीं शराब की आपूर्ति सरकार द्वारा करा दी गई है। मंदिर-मस्जिद-गुरुद्वारे व अन्य सभी धार्मिक स्थल बंद हैं। वहीं शराब की दुकानें चालू हैं।

वहीं घरों की ओर बढ़ रहे मजदूरों की परेशानियों पर कमलनाथ ने कहा कि आज भी प्रदेश के सभी मार्ग व सीमाएं इन मजदूरों से भरी पड़ी हैं। साधन के अभाव में हजारों गरीब-बेबस-लाचार मजदूर भूखे प्यासे, भीषण गर्मी में नंगे पैर पैदल ही अपने घर की ओर जा रहे हैं। सरकार के सारे दावे हवा-हवाई साबित हो रहे हैं। सरकार की बसें व साधन कहीॆ नजर नहीं आ रहे हैं. इनकी कोई सुध लेने वाला नहीं है।

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने लॉकडाउन के तीसरे चरण की समाप्ति के साथ ही जनता को कुछ राहत दिए जाने की मांग की है। रेड जोन छोड़कर अन्य इलाकों में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने और आर्थिक गतिविधियों को शुरू करने की मांग की है। कमलनाथ ने विश्वास दिलाया कि कांग्रेस पार्टी कोरोना की इस लड़ाई में सरकार के साथ पूरी तरह से खड़ी है। प्रदेश के लाखों कांग्रेसजन इस महामारी में सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं।

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