Edited By meena, Updated: 01 Feb, 2020 11:38 AM
भले ही सरकारें तीन तलाक को लेकर लाख कानून बना लें बावजूद इसके महिलाओं का उत्पीड़न तलाक के नाम पर कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। ताजा मामला मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर शहर का है। जहां एक पति ने अपनी पत्नी को तीन तलाक का दर्द झेलने...
नरसिंहपुर(रोहित अरोरा): भले ही सरकारें तीन तलाक को लेकर लाख कानून बना लें बावजूद इसके महिलाओं का उत्पीड़न तलाक के नाम पर कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। ताजा मामला मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर शहर का है। जहां एक पति ने अपनी पत्नी को तीन तलाक का दर्द झेलने पर मजबूर कर दिया है। नरसिंहपुर की रहने वाली सायरा बानो को उसके निक्कमे पति ने दो मासूम बेटियों के साथ को बीते 1 सप्ताह पहले घर से निकाल दिया। अब बेचारी पीड़िता न्याय की आस लिए कलेक्टर कार्यालय में डेरा डालकर बैठी है।
पीड़िता का आरोप है कि उसका पति कोई काम नहीं करता है और वह बीड़ी कारखाने में मजदूरी करके किसी तरह अपना और अपने बच्चों का पेट पालती है। बावजूद इसके उसका पति आए दिन उसके साथ शराब पीकर मारपीट करता है और घर से निकाल देता है। उसे अपनी मासूम बीमार बेटियों पर भी तरस नहीं आता है। पिछली बार जब उसने इसका विरोध किया तो उसने तीन तलाक का कहकर उसे घर से निकाल दिया। अब पीड़िता अपनी दोनों मासूम बेटियों को लेकर दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है।
जब कहीं उसे सहारा नहीं मिला तो उसने कलेक्टर कार्यालय में आकर डेरा डाल लिया और न्याय की आस लेकर बैठ गई कि शायद कोई उसकी फरियाद सुन ले। कलेक्टर कार्यालय के कर्मचारी उसे पुलिस अधीक्षक के पास ले गए। जहां पीड़िता ने पुलिस को अपनी व्यथा सुनाते हुए बताया कि कम से कम उसे घर में एक कोना ही दिलवा दिया जाए ताकि वह किसी तरह अपने बच्चों को एक आशियाना दे सके। वैसे भी वह बमुश्किल दो वक्त की रोटी जुटा पाती है। ऐसे में किराए के मकान में रहना उसके बस में नहीं है।
सायरा की मार्मिक व्यथा सुनते ही पुलिस अधीक्षक गुरु करण सिंह ने तत्काल कोतवाली पुलिस को तलब करते हुए मामले को परामर्श केंद्र के जरिए सुलझाने के आदेश दिए हैं। ताकि पीड़िता को उसके हिस्से का हक मिल सके और तीन तलाक जैसे मामले से छुटकारा भी। वहीं एसपी ने मानवता का परिचय देते हुए पीड़ित की मासूम बीमार बेटी को सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए भी भेजने के आदेश दिए l