Edited By Vikas kumar, Updated: 18 Sep, 2019 05:58 PM
वेटनरी विश्वविद्यालय के पशु चिकित्सक कमलनाथ सरकार के खिलाफ लंबी लड़ाई लड़ने के मूड में हैं। दरअसल, पिछले पांच दिनों से धरना प्रदर्शन कर रहे वेटनरी के छात्रों ने अब आमरण अनशन पर जाने की चेतावनी दी है..
जबलपुर(गौरव कांछल): वेटनरी विश्वविद्यालय के पशु चिकित्सक कमलनाथ सरकार के खिलाफ लंबी लड़ाई लड़ने के मूड में हैं। पिछले पांच दिनों से धरना प्रदर्शन कर रहे वेटनरी के छात्रों ने अब आमरण अनशन पर जाने की धमकी दी है। पशु चिकित्सक प्रदेश में निजी वेटनरी कॉलेज खोलने की अनुमति देने के सरकार के फैसले से नाराज हैं। उनकी मांग है कि पहले जो छात्र पढ़ाई पूर कर चुके हैं, उन्हें नौकरी दी जाए।
जो छात्र पढ़ाई पूरी कर चुके हैं, उन्हें नौकरी दी जाए
दरअसल, मप्र की सरकार पशु चिकित्सकों की कमी का हवाला देकर राज्य में निजी पशु चिकत्सा कॉलेजों को खोलने की तैयारी कर रही है। इंदौर में राज्य का पहला निजी वेटनरी कॉलेज खुलने जा रहा है। दूसरी ओर हड़ताल कर रहे छात्रों की मांग है कि पहले जो छात्र पढ़ाई पूरी कर चुके हैं उन्हें नौकरी दी जाए। उनके मताबिक पढ़ाई पूर कर चुके करीब 1600 चिकित्सक बेरोजगार घूम रहे हैं और पढ़ाई पूरी करने वाले 800 छात्र पढ़ाई पूरी करने के बाद वह भी पशु चिकित्सक बनने के बाद वह भी बेरोजगार घूमेंगे। पढ़ाई करने वालों छात्रों का स्टायपेंड 4600 रुपए से बढ़ाकर 20000 रुपए करने की मांग की है।
चिकित्सकों के पद बढ़ाने की मांग
कृषि आयोग की अनुशंसा के आधार पर प्रदेश में करीब 7 हजार वेटनरी डॉक्टरों की जरूरत है। जबकि प्रदेश में पशु चिकित्सकों के केवल 1671 पद स्वीकृत हैं। वेटनरी छात्रों की मांग है कि स्वीकृत पदों को बढ़ाकर 7 हजार किया जाए। छात्रों ने रिक्त पदों पर नियमित भर्तियों की मांग की है।