Edited By Devendra Singh, Updated: 29 Jan, 2023 12:54 PM

गुना जिले में लोन दिलाने के नाम पर लाखों रुपये ठगने का मामला सामने आया है। 50 हजार रुपये लोन के सपने दिखाकर लोगों से कंपनी ने पैसे ठगे हैं।
गुना (मिसबाह नूर): लोन (Loan Fraud) दिलाने के बहाने भोले-भाले और जरूरतमंद लोगों को ठगने का संगीन मामला सामने आया है। फाइनेंस कंपनी (finance company) के कर्मचारियों ने पर्सनल लोन देने के लिए घर-घर जाकर प्रचार किया था। जब बड़ी संख्या में आवदेकों ने दस्तावेज और प्रोसेसिंग फीस जमा कर दी, तो बाद में कंपनी के अधिकारी रफूचक्कर हो गए।
भौचक रह गए लोग
जानकारी सामने आई है कि गुना शहर के सिंह टॉवर और 8 जगह पर अपनी शाखाएं संचालित करने वाली शिरपुर ग्लोबल फायनेंस सर्विसेस कंपनी (Global Finance Services company) द्वारा लोगों से लोन दिलाने के लिए ठगी की गई है। लोन नहीं मिलने पर सिंह टॉवर क्षेत्र में संचालित कंपनी के दफ्तर पहुंचे लोगों के पैरों तले उस समय जमीन खिसक गई। जब उन्हें पता चला कि कंपनी का दफ्तर पिछले 2-3 दिनों से बंद है।

लोन देने का सपना दिखाकर ठगे थे पैसे
लोन लेने का प्रयास कर रहे कुछ आवेदकों ने कंपनी के अधिकृत प्रतिनिधियों और कर्मचारियों से मोबाइल पर संपर्क साधने का प्रयास किया, तो उन्हें संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया है। कंपनी से जुड़े कुछ लोग राशि वापस दिलाने की बात कह रहे हैं, तो कुछ कर्मचारियों द्वारा ग्राहकों के साथ अभद्रता की गई। फाइनेंस कंपनी की ठगी का शिकार हुए ग्राहकों का दावा है कि उन्हें 50 हजार रुपए का ऋण देने का सपना दिखाया गया था।
लोन कंपनी पैसे वापस देने का किया था वादा
इसके बाद केवल आधार कार्ड, पेन कार्ड और बैंक पासबुक जैसे सामान्य दस्तावेज और 1770 रुपए की फीस मांग गई थी। कंपनी के कर्मचारियों ने गारंटी ली थी कि लोन मिल जाएगा, अगर लोन पास नहीं होता है तो वह अपने 1770 रुपए काउंटर से रसीद दिखाकर ले सकते हैं। लिहाजा ग्राहकों को लगा कि लोन नहीं भी मिला तो उनके पैसे सुरक्षित रहेंगे। लेकिन लगभग 15 दिनों तक चली इस प्रक्रिया के बाद कम्पनी के जिम्मेदार अधिकारियों सहित कर्मचारियों का अता-पता नहीं है। ठगी का शिकार हुए ज्यादातर आवेदकों ने 1 से 13 जनवरी तक आवेदन किया है।

लोन कंपनी ने घर-घर जाकर किया था प्रचार
जानकारी सामने आ रही है कि कंपनी ने घर-घर जाकर लोन दिलाने का प्रचार-प्रसार किया था। इसके चलते बड़ी संख्या में लोगों ने ऋण के लिए आवेदन किया। दावा किया जा रहा है कि अब तक 50-60 लाख रुपए आवेदन शुल्क के रूप में इस कंपनी में जमा किए जा चुके हैं। लेकिन जब आवेदकों को समझ आ गया कि उनके पास ठगी हुई है, तो उन्होंने पुलिस की शरण ली है।