Edited By Jagdev Singh, Updated: 17 Jan, 2020 04:50 PM
मध्य प्रदेश विधानसभा में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण की अवधि को 10 साल के लिए बढ़ाने का प्रस्ताव पारित कर दिया गया। कमलनाथ सरकार में कानून मंत्री पीसी शर्मा ने बताया कि लोकसभा से पास हए 126वें संविधान संशोधन को सर्वसम्मति से पारित...
भोपाल: मध्य प्रदेश विधानसभा में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण की अवधि को 10 साल के लिए बढ़ाने का प्रस्ताव पारित कर दिया गया। कमलनाथ सरकार में कानून मंत्री पीसी शर्मा ने बताया कि लोकसभा से पास हए 126वें संविधान संशोधन को सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। पक्ष, विपक्ष के विधायकों ने चर्चा में भाग लिया।
इस दौरान कानून मंत्री ने कहा 'केंद्र सरकार ने एंग्लो इंडियन सदस्य के लिए प्रावधान नहीं किया था, लेकिन हमारी विधानसभा ने एंग्लो इंडियन सदस्य के प्रावधान के साथ संकल्प पारित किया है। इसे अब राष्ट्रपति को भेजा जाएगा।' उन्होंने कहा कि 2011 की आबादी के हिसाब से एंग्लो इंडियन सदस्य विधानसभा में नॉमिनेट होना चाहिए।
वहीं पूर्व मंत्री और बीजेपी विधायक नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि 'प्रदेश सरकार ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति आरक्षण संशोधन संकल्प में कंडीशन रखी है। जैसा केंद्र सरकार से प्रस्ताव था वैसा नहीं रखा गया। किंतु-परंतु जोड़ा गया, संशोधन संकल्प जैसा लोकसभा और राज्यसभा से पारित हुआ है, वैसा ही यहां पारित होना चाहिए था।'
वहीं कांग्रेस विधायक कांतिलाल भूरिया ने सदन में चर्चा के दौरान कहा कि मनुवादियों ने अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़े वर्ग को आगे नहीं बढ़ने दिया। पीएससी में भी मनुवादी विचारधारा के लोग बैठे हैं, जिन्होंने इस तरह के सवाल रखे हैं। इस टिप्पणी पर सत्ता पक्ष और विपक्ष में जमकर नोंकझोंक हुई। विपक्ष ने कांतिलाल भूरिया के मनुवादी कहने पर आपत्ति जताई।
सदन में चर्चा के दौरान पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीतासरन शर्मा ने कहा 'जिस तरह से कानून मंत्री पीसी शर्मा ने संकल्प पेश किया उससे उनकी नियत साफ नहीं दिखती। विधि मंत्री ने जो संकल्प पेश किया है उसमें कुछ गलतियां हैं। संकल्प को संशोधन कर फिर से पेश किया जाए।'