Edited By Vikas kumar, Updated: 13 Dec, 2019 11:21 AM
अगर आप मध्य प्रदेश के किसी भी सरकारी विभाग के अधिकारी कर्मचारी हैं तो एक बात आप अच्छे से जान लें कि अब जब भी कोई संसद सदस्य या विधायक आप से मिलने आपके दफ्तर आएगा....
भोपाल (इज़हार हसन खान): अगर आप मध्य प्रदेश के किसी भी सरकारी विभाग के अधिकारी कर्मचारी हैं तो एक बात आप अच्छे से जान लें कि अब जब भी कोई संसद सदस्य या विधायक आप से मिलने आपके दफ्तर आएगा तो ये आपका पहला कर्तव्य होगा कि आप अपनी कुर्सी से उठकर उनका स्वागत करें। साथ ही उनसे शिष्टाचार से पेश आएं और इसके लिए बकायदा आदेश जारी किया गया है।
सरकार द्वारा जारी आदेश में सूची में उपरोक्त संदर्भित ज्ञापनों द्वारा समय-समय पर संसद सदस्यों तथा विधायकों के पत्रों को पावती देने, उनके पत्रों पर कार्रवाई कर निर्धारित समय में उसका उत्तर देने, शासकीय अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा सौहार्दपूर्ण व्यवहार करने, उन्हें सार्वजनिक समारोह और कार्यक्रमों में आमंत्रित करने के साथ-साथ उनसे मिलने वाले पत्रों के लिए पृथक पंजी संधारित करने के संबंध में निर्देश जारी किये गए हैं। सूची के माध्यम से प्रदेश के सभी अफसरों-कर्मचारियों को निर्देश दिये गए हैं कि, राज्य शासन के निर्देशों का संबंधित विभागों द्वारा कड़ाई से पालन ना करने की सूचनाएं मिल रही हैं। जिससे जनप्रतिनिधियों को अपने कर्तव्य का निर्वहन करने में परेशानी होती है। साथ ही, इससे शासन की छवि पर भी विपरीत प्रभाव पड़ता है।
सूची के माध्यम से दिये गए निर्देशों के अनुक्रम में खासतौर पर इस बात पर जोर दिया गया है कि, जब भी कोई संसद सदस्य या विधायक किसी अधिकारी या कर्मचारी से मिलने आते हैं, तो संबंधित अधिकारी को अपनी सीट से उठकर उनका स्वागत करना चाहिए। साथ ही अधिकारियों को उनके साथ शिष्टाचार बरतना चाहिए। दरअसल कई सांसदों और विधायकों की ओर से ऐसी शिकायतें आई हैं कि, कई अधिकारियों का रवैया उनसे ठीक नहीं है, उनका आदर नहीं करते। अधिकारी उनके पत्रों पर तय समय में कार्यवाही नहीं करते, जिसकी वजह से कई काम अवरुद्ध होते हैं। समय पर काम ना हो पाने से सरकार की छवि पर विपरीत असर पड़ता है। शायद यही वजह है कि वल्लभ भवन द्वारा इस तरह का आदेश जारी किया गया है। यह आदेश चर्चाओं में है। इस आदेश से सत्ता और विपक्ष दोनों के सांसद और विधायक को फायदा होना है इसलिए अभी तक इसका किसी ने विरोध नहीं किया है।