Edited By Jagdev Singh, Updated: 20 Mar, 2020 05:23 PM
मध्य प्रदेश में कांग्रेसनीत कमलनाथ सरकार 15 महीने राज करने के बाद गिर चुकी है। वहीूं इससे बीजेपी काफी खुश है। इसीलिए एक तरफ जश्न मनाया जा रहा है, तो दूसरी तरफ पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पर तंज कसा जा रहा है। भोपाल में बीजेपी दफ्तर में प्रेस कॉन्फ्रेंस...
भोपाल: मध्य प्रदेश में कांग्रेसनीत कमलनाथ सरकार 15 महीने राज करने के बाद गिर चुकी है। वहीूं इससे बीजेपी काफी खुश है। इसीलिए एक तरफ जश्न मनाया जा रहा है, तो दूसरी तरफ पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पर तंज कसा जा रहा है। भोपाल में बीजेपी दफ्तर में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि डेढ़ साल में प्रदेश की हालत बदतर कर दी गई थी। महिलाएं, युवा, नौजवान सब इस सरकार से परेशान थे।
शिवराज सिंह ने कहा कि बीजेपी कभी सत्ता गिराने और बचाने के खेल में शामिल नहीं रही। मध्य प्रदेश की स्थितियां इतनी विस्फोटक हो गई कि विधायक ही नाराज हो गए। शिवराज सिंह ने दिग्विजय पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी वजह से कांग्रेस की सरकार गिरने की स्थिति पैदा हुई। डेढ़ साल में जनता ने खुद को पिछड़ा हुआ महसूस किया। शिवराज सिंह ने कहा कि ये सरकार अपनी ही वजह से गिरी है। जिसका आत्म विश्लेषण किया जाना चाहिए।
वहीं राज्य में बीजेपी की सरकार बनाने और सीएम उम्मीदवार की रेस में अपना नाम होने पर शिवराज सिंह ने कहा कि हम राज्यपाल लालजी टंडन के आदेशों का पालन करेंगे। वे जैसे कहेंगे, हम वैसा ही करेंगे। उन्होंने कहा कि सीएम उम्मीदवार का चेहरा पार्टी तय करेगी। जो जिम्मेदारी मिलेगी, हम उसे निभाएंगे। वहीं बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि पूरे मध्य प्रदेश की जनता कमलनाथ सरकार से प्रताड़ित थी। बीजेपी के कार्यकर्ताओं पर आक्रमण किया गया, समर्थकों पर दबाव डाला गया। कांग्रेस केवल सत्ता में झूठ और कपट के साथ आई थी, लेकिन अब उसका अंत हो गया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार अपने अंतरविरोध की वजह से गिरी है।
मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार गिरने के बाद से अटकलें लगाई जा रही हैं कि शिवराज सिंह को विधायक दल का नेता चुना जा सकता है, लेकिन अभी तक बीजेपी ने इस पर मुहर नहीं लगाई है। कहा जा रहा है कि आज विधायक दल की बैठक भी नहीं होगी। मध्य प्रदेश असेंबली में फ्लोर टेस्ट से पहले ही कमलनाथ ने राज्यपाल लालजी टंडन से मिलकर मुख्यमंत्री पद से अपना इस्तीफा सौंप दिया। कमलनाथ की सरकार कुल 459 दिन ही चल सकी। उन्होंने 17 दिसंबर 2018 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी।