Edited By meena, Updated: 03 Sep, 2025 02:40 PM

मध्य प्रदेश के कटनी से भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री संजय पाठक एक बार फिर सुर्खियों में हैं...
भोपाल : मध्य प्रदेश के कटनी से भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री संजय पाठक एक बार फिर सुर्खियों में हैं। उन पर हाईकोर्ट के जज को धमकाने के गंभीर आरोप लगे हैं। दरअसल हाईकोर्ट के एक जस्टिस ने हाल ही में सनसनीखेज खुलासा करते हुए कहा कि भाजपा विधायक ने अवैध खनन के एक मामले को लेकर उनसे संपर्क करने की कोशिश की थी। ऐसे में उन्होंने खुद को इस केस से दूर कर लिया है। सूत्रों की मानों तो कहा जा रहा है कि पूरा मामला अवैध खनन के आरोपियों के खिलाई कार्रवाई की मांग को लेकर दायर एक याचिका से जुड़ा हुआ है।
कांग्रेस ने उठाए सवाल
भाजपा विधायक संजय पाठक पर लगे आरोपों को लेकर अब जमकर सियासत हो रही है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने बीजेपी पर निशाना साधा है। उन्होंने पूछा, ‘क्या संजय पाठक की सदस्यता खत्म की जाएगी? क्या बीजेपी और विधानसभा अध्यक्ष संज्ञान लेंगे? आजाद भारत का पहला ऐसा केस है जब जज ने ये कहा किसी व्यक्ति ने प्रभावित करने की कोशिश की है। बीजेपी के विधायक न्यायपालिका पर दबाव बनाना चाहते हैं। क्या बीजेपी अब आंख मिलाकर जनता से बात कर सकती है?’
वहीं कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी ने हाईकोर्ट ऑर्डर की कॉपी शेयर करते हुए दावा किया कि इस मामले में संजय पाठक ने सीधे तौर पर जज से संपर्क करने की कोशिश की थी। उन्होंने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा, ‘भाजपा विधायक संजय पाठक हाईकोर्ट के जज को खरीदना या धमकाना चाहते हैं। हर कोई बिकाऊ और डरपोक नहीं होता साहब, सच्चाई सामने आ ही जाती है।’

जज को धमकाने पर सजा का प्रावधान
बता दें कि भारतीय न्याय संहिता के मुताबिक पब्लिक सर्वेंट को उनका काम करने से रोकने के लिए दंडनीय अपराध मिलता है और जज भी पब्लिक सर्वेंट की कैटेगरी में आते हैं। ऐसे में कानून में प्रावधान है कि किसी भी पब्लिक सर्वेंट को धमकी देने पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 224 के तहत दो साल तक की सजा और जुर्माना भी हो सकता है। इसके अलावा आम नागरिकों के कानूनी प्रावधान भी ऐसे मामलों में लागू हो सकते हैं। किसी को भी जान से मारने की धमकी देने पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 351 के तहत जुर्माने के साथ-साथ सात साल की सजा हो सकती है।