Edited By Vikas kumar, Updated: 15 Sep, 2019 03:48 PM
भोपाल के खटलापुरा घाट में हुए नाव हादसे के दौरान 11 लोगों की मौत होने के बाद आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। इस मामले में प्रशासन ने 4 नाव संचालकों को दोषी मानते हुए उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की..
भोपाल: भोपाल के खटलापुरा घाट में हुए नाव हादसे के दौरान 11 लोगों की मौत होने के बाद आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। इस मामले में प्रशासन ने 4 नाव संचालकों को दोषी मानते हुए उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की। जिसके बाद मछुआरा संघ इस कार्रवाई के विरोध में सड़क पर उतर आया है। मछुआरा संघ के अनुसार इस मामले में कलेक्टर तरुण पिथोड़े दोषी हैं, उन्हें हटाना चाहिए। उन्होंने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर नाव संचालकों के खिलाफ हुई एफआईआर वापस नहीं ली गई तो उनका आंदोलन जल्द ही प्रदेश स्तरीय हो जाएगा।
दरअसल, खटलापुरा हादसे में 4 मछुआरों पर हुई एफआईआर का अब विरोध शुरू हो गया है। भोपाल में मांझी समाज के नेतृत्व में मौन जुलूस निकाला गया। इस दौरान मछुवारों ने हाथों पर काली पट्टी बांधकर कार्रवाई का विरोध किया। जुलूस में भोई ,ढीमर, कहार, बाथम, मल्हा, निषाद, मांझी और रायकवार समाज के लोग बड़ी संख्या में शामिल हुए। हालांकि प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने बेरिगेट्स लगाकर कमलापार्क पर ही रोक लिया। रोके जाने पर मछुवारों ने कमला पार्क के पास ही धरने पर बैठकर प्रदर्शन किया और सरकार और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाते हुए कहा कलेक्टर तरुण पिथोड़े दोषी हैं उनके ऊपर कार्रवाई होनी चाहिए। प्रशासन ने ऐसा न करते हुए उन नाव संचालकों पर कार्रवाई कर दी, जिन्होंने इस हादसे में छह लोगों की जान बचाई।
इनाम राशि वापस लौटाने की चेतावनी
नाव हादसे में 6 लोगों की जान बचाने वाले नितिन बाथम भी मौन जुलूस में शामिल हुए। उन्होंने सरकार द्धारा दी गई राशि को वापस लौटाने की चेतावनी दी है। उनका कहना है कि समाज के लोगो पर की गई कार्यवाही बिल्कुल गलत है, इसमें उनका कोई दोष नही है।