गोंडी मंत्र सुनते ही इंसान बन जाते हैं सांप! सर्प के काटे व्यक्ति का मिनटों में निकालते हैं जहर (Video)

Edited By meena, Updated: 02 Aug, 2022 06:53 PM

मंडला आदिवासी जिला हैं जहां बहुतायत में आदिवासी वर्ग निवास करता है। पूरे मंडला जिले में नागपंचमी का त्योहार बड़ी धूम धाम से मनाया जाता हैं लेकिन आज हम एक ऐसे गांव की बात कर रहें हैं जो कि नागपंचमी का त्योहार पूरी गोंडी संस्कृति से मंत्रों के उच्चारण...

मंडला(अरविंद सोनी): मंडला आदिवासी जिला हैं जहां बहुतायत में आदिवासी वर्ग निवास करता है। पूरे मंडला जिले में नागपंचमी का त्योहार बड़ी धूम धाम से मनाया जाता हैं लेकिन आज हम एक ऐसे गांव की बात कर रहें हैं जो कि नागपंचमी का त्योहार पूरी गोंडी संस्कृति से मंत्रों के उच्चारण से मनाते हैं। जो कि सबसे अद्भुत होता हैं।

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मंडला से महज 3 किलोमीटर मीटर दूर बिनैका गांव हैं। जहां वर्षो से आदिवासी परंपरा को बनाएं रखने गांव के लोग नांगपंचमी मे नागों की पूजा खास तौर पर करते हैं। आज के दिन गांव के लोग सुबह के वक्त इकठ्ठा होते हैं और सभी गांव के बाहर बने आस्तिक मुनि के मंदिर पहुचते हैं। जहां सबसे पहले लोग यहां पूजा अर्चना करके वापिस अपने गांव पहुंचते हैं।

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फिर गांव के पंडा के यहां पटा बैठाला जाता हैं। यानि लकड़ी का पटा बैठालकर नाग देवता की प्रतीक स्वरूप मूर्ति रखी जाती हैं। ढोलक मंजीरे के साथ नाग देवता को मनाया जाता हैं। कुछ देर के बाद पूजा अर्चना के बाद पंडे के भक्तों को भार आता हैं। झूमते हुए अपनी सर्पों के समान मस्ती में चूर भक्त अपने पंडों के पास पहुंचते हैं। फिर पंडे द्वारा भक्तों के भाव या भार को शांत किया जाता हैं।
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इन सारी पूजा अर्चना के दौरान यदि कोई व्यक्ति जो कि सर्प दंश से ग्रसित होता हैं। इन्हीं भक्तों द्वारा पीड़ित का जहर निकाला जाता हैं। भक्तों और पंडों का मानना हैं कि सर्प दंश से ग्रसित व्यक्ति को वे पूरी तरह ठीक कर सकते हैं।

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