Edited By Jagdev Singh, Updated: 18 Jan, 2020 05:05 PM
मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार के बलात्कार और हत्या के मामलों में एस/एसटी वर्ग के पीड़ितों को आर्थिक मदद मुहैया कराने के फैसले का सपाक्स ने विरोध किया है। सपाक्स ने फैसले का विरोध करते हुए हर वर्ग को आर्थिक सहायता देने की मांग की है। सपाक्स के प्रदेश...
भोपाल: मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार के बलात्कार और हत्या के मामलों में एस/एसटी वर्ग के पीड़ितों को आर्थिक मदद मुहैया कराने के फैसले का सपाक्स ने विरोध किया है। सपाक्स ने फैसले का विरोध करते हुए हर वर्ग को आर्थिक सहायता देने की मांग की है। सपाक्स के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश शुक्ला ने ऐलान किया कि अगर प्रदेश में ये नियम लागू हुआ तो सपाक्स सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरेगी।
कमलनाथ सरकार ने बलात्कार और हत्या के मामलों में एससी/एसटी वर्ग के पीड़ितों को 1 से 8 लाख रुपये तक की आर्थिक मदद देने का फैसला किया है। साथ ही एससी/एसटी वर्ग के मृतक की पत्नी या फिर अन्य आश्रितों को नौकरी मिलने तक सरकार की ओर से 5 हजार रुपए प्रतिमाह देने का भी निर्णय लिया गया है। जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने बताया कि एफआईआर दर्ज होते ही 25 प्रतिशत धनराशि पीड़ित या उसके परिजनों को मिल जाएगी। वहीं पीड़ित के बच्चों के पोस्ट ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई का खर्चा भी राज्य सरकार उठाएगी।
वहीं बीजेपी ने भी सरकार के इस फैसले को दिखावा बताया है। बीजेपी प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कहा 'सरकार का खजाना खाली है और केवल वाहवाही लूटने के लिए यह घोषणा की गई है। यह महज दिखावा है।' वहीं कांग्रेस प्रवक्ता अब्बास हफीज ने पलटवार करते हुए पूछा कि आखिर सुविधाएं दिए जाने का बीजेपी क्यों विरोध कर रही है. ये विरोध बताता है कि बीजेपी आदिवासी और अनुसूचित जाति वर्ग का भला होते हुए नहीं देख सकती। हफीज ने कहा कि इस विरोध से बीजेपी का असली चेहरा सामने आ गया है।
वहीं कैबिनेट मंत्री सुखदेव पांसे ने कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ हर वर्ग के लिए संवेदनशील हैं। एक साल के दौरान उन्होंने हर वर्ग के लिए बहुत काम किया है। वहीं सपाक्स पार्टी और बीजेपी के आरोपों पर उन्होंने ने कहा 'कानून अपना काम करेगा और सरकार राहत देने का काम अपनी तरह से करेगी, दोनों चीजें अलग अलग हैं।'