Edited By ASHISH KUMAR, Updated: 28 Feb, 2019 10:05 AM
कटनी एस डी एम कार्यालय में पदस्थ क्लर्क को लोकायुक्त ने बुधवार को रंगे हाथों धरदबोचा। क्लर्क ने आवेदक से 5 हजार रुपए की मांग स्टे और फैसला अपने पक्ष में कराने के नाम पर मांगे थे। दो हजार कि एक किश्त वह पहले ले चुका था...
जबलपुर: कटनी एस डी एम कार्यालय में पदस्थ क्लर्क को लोकायुक्त ने बुधवार को रंगे हाथों धरदबोचा। क्लर्क ने आवेदक से 5 हजार रुपए की मांग स्टे और फैसला अपने पक्ष में कराने के नाम पर मांगे थे। दो हजार कि एक किश्त वह पहले ले चुका था।
जानकारी के अनुसार, कृष्णकांत मिश्रा का कहना है कि उनके घर के पीछे नगर निगम का एक नाला है जिसमें नगर निगम द्वारा पिलर डालकर पार्षद की अनुसंशा पर अवैध रूप से निर्माण किया जा रहा है। इसको लेकर धारा 133 के तहत एस डी एम के न्यायालय में प्रकरण पेश किया गया था जिस पर मुझे स्थगन भी प्राप्त हुआ था। एस डी एम कार्यालय के बाबू ने स्टे की अवधि बढ़वाने और फैसला अपने पक्ष में कराने के लिए 15 से 20 हज़ार की रिश्वत मांगी थी। सौदा 5 हज़ार में तय होने के बाद 25 तारीख को 2 हज़ार रुपये लिया था और 3 हज़ार रुपए बुधवार को दिए। कृष्णकांत का कहना था कि वह रिश्वत देने के पक्ष में नही था इस लिए उसने लोकायुक्त से संपर्क किया।
लोकायुक्त के डीएसपी चौधरी प्रार्थी कृष्णकांत मिश्रा की शिकायत पर एस डी एम कार्यालय में पदस्थ क्लर्क लाखन सिंह बागरी के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया। आरोपी ने 5000 की डिमांड की थी और बुधवार 3000 रुपए दिया जाना था। आरोपी ने खुद घूस की रकम न लेकर राजकुमार तिवारी नामक वकील को रकम दिलवाई है।